संजय पटेल : इन्दौर में हुए जाणता राजा के मंचन का प्रवेश पत्र और प्रचार सामग्री हमने डिज़ाइन की थी। जैसे ही उसकी प्रथम छवि बाबा साहब ने देखी तो उन्होंने प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए मुझसे बात करने की इच्छा ज़ाहिर की थी। 5 मिनट के उस सम्वाद में उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा था कि इस निमंत्रण पत्र के रूपांकन ने हमारे महानाट्य की सफलता सुनिश्चित कर दी है। निमन्त्रण की डिज़ाइन का पारिश्रमिक न मिल पाने का मलाल मन में था जो इस सम्वाद के बात जाता रहा।
बाबा साहब की कलात्मक अभिव्यक्ति ‘जाणता राजा’
छत्रपति शिवाजी महाराज के महान कृतित्व का अविस्मरणीय दस्तावेज़ है।
अर्चना चितले : महानाट्य मातोश्री अहिल्या देवी के उद्घाटन के लिए शिवशाहीर पद्मभूषण , जाणता राजा के रचयिता बाबा साहेब पुरंदरे का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। छत्रपति शिवाजी के जीवन चरित्र को जन- जन तक पहुंचाने में बाबासाहब ने असाधारण योगदान दिया। विनम्र श्रद्धांजलि।
गोविंद मालू : महान इतिहासकार, नाटककार, दार्शनिक, समाजसेवी बाबासाहब पुरंदरे का 99 साल की उम्र में देवलोकगमन हो गया। वे जीवन का शतक भले ही पूरा नहीं कर पाए लेकिन प्रतिष्ठा की कई शतकीय पारियां खेली। उनके महानाट्य ‘जाणता राजा’ के इंदौर में 20 से ज्यादा शो हुए थे। उससमय आयोजन समिति से जुड़ा होने के कारण उनसे कई बार संपर्क हुआ था। उनके श्रीचरणों में सादर नमन।