घरों, दफ्तरों और सार्वजनिक पांडालों में गाजे – बाजे के साथ की गई गणनायक की स्थापना।
खजराना गणेश को लगाया गया सवा लाख मोदकों का भोग।
इंदौर : पार्वतीनंदन गजानन गणपति मंगलवार को गाजे – बाजे के साथ घर – घर विराजित हुए। घरों, दफ्तरों, पांडालों में मंगलमूर्ति की विधिवत स्थापना के साथ ही दस दिवसीय गणेशोत्सव भी प्रारंभ हो गया।
दिनभर सुनाई देती रही गणपति बप्पा मोरया की गूंज।
गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश की मूर्तियों को पूरी आस्था और उल्लास के साथ लाकर घर, दफ्तर और सार्वजनिक पांडालों में स्थापित करने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था, जो देर शाम तक चलता रहा।घरों के साथ जगह – जगह स्थापित प्पांडालों में भगवान श्री गजानन को विराजित किया गया। सार्वजनिक गणेशोत्सव समितियों ने भव्य चल समारोह के जरिए गणपति बप्पा को लाकर नियत स्थान पर भक्तिभाव के साथ विराजित किया। गणपति बप्पा मोरया की गूंज के बीच ढोल ताशे और डीजे की धुन पर थिरकते युवा भक्तिमय उल्लास के रंग बिखेर रहे थे। श्री गणेश की स्थापना के बाद भक्ति भाव से उनकी पूजा अर्चना और आरती की गई। बप्पा को लड्डू व मोदक का भोग लगाकर प्रसाद के बतौर उनका वितरण किया गया।
खजराना गणेश को लगाया सवा लाख मोदकों का भोग।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने श्री गणेश मंदिर खजराना में सपरिवार पूजन-अर्चन किया। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह और अन्य गणमान्य जन भी मौजूद रहे। इस मौके पर खजराना गणेश को सवा लाख मोदकों का भोग भी लगाया गया। बाद में ये मोदक भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किए गए।
स्वर्णाभूषणों से किया गया श्रृंगार।
गणेश चतुर्थी के मौके पर खजराना गणेश का आकर्षक श्रृंगार कर स्वर्ण मुकुट व आभूषण पहनाए गए। हजारों भक्तों ने कतार में लगकर खजराना गणेश के अलौकिक स्वरूप के दर्शन किए।
गणेशोत्सव में होंगे विभिन्न कार्यक्रम।
खजराना गणेश मंदिर में मंगलवार से प्रारंभ हुए गणेशोत्सव में दस दिन तक प्रतिदिन पूजा, अर्चना और महाआरती के अलावा अन्य भजन व अन्य कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। गणेशोत्सव के दौरान मंदिर 24 घंटे भक्तों के दर्शनार्थ खुला रहेगा।