मधुकर पंवार के लघुकथा संग्रह का हुआ लोकार्पण

  
Last Updated:  April 1, 2021 " 08:28 pm"

इंदौर : संवेदनाएं ह्रदय में भाव जगाती हैं। उचित समय पाकर अंकुरित हो जाती हैं तथा कृति के रूप में मूर्त रूप ले लेती है। यह बात लागू होती है पत्र सूचना कार्यालय के क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो,भारत सरकार के सहायक निदेशक रहे मधुकर पवार पर, जिनकी षष्टिपूर्ति के अवसर पर उनकी पहली कृति व्यंग्य एवं लघुकथा संग्रह “दो रूपये किलो की राजनीति और जादुई चिराग” का लोकार्पण उनके कार्यालय में एक सादे समारोह में संपन्न हुआ। भोपाल कार्यालय से आए अजय उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि श्री पवार अपने काम के अलावा साहित्य में भी रुचि रखते रहे और हिंदी के प्रबल समर्थक रहे। कृति पर चर्चा करते हुए संचालक हरेराम वाजपेई ने बताया कि इसमें 35 व्यंग्य तथा 45 लघु कथाएं सम्मिलित की गई हैं, जो पवार द्वारा भोगे गए यथार्थ को प्रस्तुत करती हैं। लघु कथाओं में जीवन के विविध प्रसंग हैं वही व्यंग्य रचनाओं में तीखा प्रहार का आभास होता है।
इस अवसर पर मधुकर पवार ने अपने सृजन के संदर्भ में बताया कि लिखने के बीज जबलपुर ने बो दिए थे जो इंदौर की साहित्यिक भूमि में आकर अंकुरित हो गए।। उन्होंने इंदौर और यहां के साहित्यकारों की भूरि भूरि प्रशंसा की जिनके साथ रहकर वह कुछ लिख सके। संकलन की कुछ रचनाओं पर उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए। यह लोकार्पण कार्यक्रम हिंदी परिवार इंदौर द्वारा आयोजित किया गया। ज्ञातव्य है कि श्रीवपवार हिंदी परिवार इंदौर के पूर्व सचिव रह चुके हैं तथा उन्हें हिंदी सेवी सम्मान से सम्मानित भी किया गया है। इस अवसर पर सदाशिव कौतुक, प्रताप सिंह सोढ़ी ने शाल श्रीफल पुष्पगुच्छ भेंट कर मधुकर पंवार को सम्मानित किया। प्रदीप नवीन ने काव्यात्मक सम्मान पत्र प्रदान किया। मधुकर पवार की षष्टि पूर्ति तथा प्रथम कृति के लोकार्पण पर उनके कार्यालय के दिलीप परमार किशोर गाठिया, अशोक शर्मा, विनीत कौशिक, यूको बैंक के अमित सरवर प्रकाशक शिशिर सोमानी, पुरुषोत्तम वाघमारे एवं अन्य उपस्थित लोगों ने पवार का सम्मान भी किया। कोरोना के कारण संतोष मोहंती, मुकेश इंदौरी, प्रभु त्रिवेदी, ज्योति जैन, डॉक्टर नीरज दीक्षित, डॉक्टर योगेंद्र शुक्ल तथा अन्य साहित्यकारों ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम में मधुकर पवार का परिवार तथा उनके मित्रगण भी सम्मिलित हुए। अंत में आभार महू से आए पत्रकार रामलाल प्रजापति ने व्यक्त किया।

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