इंदौर : 15 साल पहले तालाबंदी का शिकार हुई महाराष्ट्र ब्राह्मण सहकारी बैंक के तत्कालीन संचालकों द्वारा किये गए घोटाले व भ्रष्टाचार के 35 बड़े मामलों को बैंक के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार धड़वईवाले सबूतों के साथ सीएम कमलनाथ को सौपेंगे। मंगलवार को प्रेस वार्ता के जरिये उन्होंने ये जानकारी दी। उनका कहना था कि वर्ष 1997 से 2004 के दौरान बैंक पर काबिज संचालक मंडल ने करोड़ों का भ्रष्टाचार कर बैंक को दिवालिया बना दिया। उससमय प्रो. यशवंत डबीर बैंक के अध्यक्ष थे। संचालक मंडल में मिलिंद महाजन, वसंत महस्कर, सुरेश लोखंडे, चंद्रकांत करमरकर, विकास पुंडलिक, मोहन करपे, शंकर गिरी, रवींद्र देशपांडे, शांतनु किबे, अभय गद्रे, शोभा तेलंग, स्मिता हार्डिकर और अनघा गोरे शामिल थे। घोटालों व भ्रष्टाचार के कारण बैंक पर ताले लग गए और जमाकर्ताओं व खातेदारों के करोड़ों रुपए डूब गए। बैंक के पीड़ित 1300 जमाकर्ताओं में से 600 की मौत हो चुकी है।
श्री धड़वईवाले के मुताबिक वे पहले भी सबूतों के साथ इन घोटालों की शिकायत उचित फोरम पर कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब वे पुनः सीएम कमलनाथ को पुख्ता सबूतों के साथ शिकायत प्रेषित कर रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार भ्रष्टाचार के दोषी संचालकों की संपत्ति राजसात करें और उसकी नीलामी कर पीड़ित जमाकर्ताओं व खातेदारों को उनका पैसा लौटाए।
मंत्री सज्जन वर्मा को सौपें सबूत।
अनिल धड़वईवाले ने कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को मय सबूतों के अपनी शिकायत कार्रवाई के लिए सौंपी। मंत्री श्री वर्मा ने आश्वस्त किया कि महाराष्ट्र ब्राह्मण बैंक में हुए घपलों- घोटालों की निष्पक्ष जांच होगी।