इंदौर : महाराष्ट्र समाज राजेंद्र नगर, तरुण मंच और सहयोगी संस्थाओं द्वारा रविवार 08 मई गंगा सप्तमी के दिन रवि पुष्य योग में दोपहर ठीक 12.20 बजे 47 बालकों का उपनयन संस्कार सामूहिक रूप से संपन्न हुआ।
उपनयन का अर्थ व्यक्तित्व विकास की राह पर अग्रसर होना है।
इस अवसर पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा ताई महाजन ने संबोधित करते हुए कहा की उपनयन संस्कार जैसे आयोजन सामूहिक रूप से करने से समाज की संगठन शक्ति प्रदर्शित होती है और समाजजनों को एक दूसरे को जानने पहचानने का अवसर मिलता है। उन्होंने संस्कारित हुए बालकों से कहा की उपनयन का अर्थ बुद्धि के विकास के साथ ही व्यक्तित्व विकास की राह पर अग्रसर होना भी है अतः वे अपने सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दें ।
इस अवसर पर संतश्री अण्णा महाराज, अमृतफले महाराज, प्रवीणनाथ पानसे महाराज, विनीत नवाथे, मिलिंद महाजन, कृष्णकुमार अष्ठाना सहित अनेक विशिष्ट अतिथिगण बालकों को आशीर्वाद देने उपस्थित रहे।
आयोजन समिति के संयोजक जयंत शिरालकर और प्रशांत बडवे ने बताया कि समाज द्वारा सामूहिक उपनयन के आयोजन का यह 11वां वर्ष था। बालकों को पूर्ण वैदिक रीति से संस्कारित किया गया। वैशाली नगर स्थित माधव विद्यापीठ में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में इंदौर शहर के अलावा महाराष्ट्र के पुणे, नाशिक, भुसावल, धुले और प्रदेश के देवास, उज्जैन, कुक्षी, खरगोन, सेंधवा, अंजड और आसपास के अन्य शहरों के बालकों का उपनयन संस्कार किया गया । पंडित विजय अयाचित के मार्गदर्शन में पंडित जितेंद्र काले गुरुजी और सहयोगियों द्वारा उपनयन वैदिक विधि विधान से संपन्न करवाएं गए। प्रातः देवदेवक के साथ शुरुआत हुई इसके बाद सभी बालकों का मुंडन किया गया । मातृ भोजन भी हुआ जिसमें माताओं ने अपने बालकों को अपने हाथों से भोजन करवाया। दोपहर बाद संतों के आशीर्वचन हुए व हवन यज्ञादि कर्म किए गए । पिता ने पुत्र को गुरु मंत्र दिया।
बटुकों की निकली शोभायात्रा।
शाम 5 बजे राजेंद्र नगर क्षेत्र में समस्त बटुकों को हनुमान जी के मंदिर में दर्शन हेतु बग्गी, बैंड बाजा और ढोलक के साथ एक विशाल शोभायात्रा के रूप में ले जाया गया जहां हनुमानजी के दर्शन कर मामा ने अपने भांजे को नवीन वस्त्र प्रदान किए।