मुम्बई के कोरोना पीड़ितों के लिए ‘ऑक्सीजन मैन’ बनें शाहनवाज, रोज सैकड़ों पीड़ितों को पहुंचा रहे सिलेंडर

  
Last Updated:  April 22, 2021 " 08:38 pm"

मुंबई : समूचे महाराष्ट्र में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है। मुम्बई में भी हालात बेहद संगीन हो गए हैं। ऑक्सीजन की कमी से लगातार मरीज दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में मुंबई के मलाड में रहने वाले शाहनवाज शेख लोगों के लिए मसीहा बन गए हैं। ‘ऑक्सीजन मैन’ के तौर पर ख्यात हो चुके शाहनवाज एक फोन कॉल पर मरीजों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। लोगों को दिक्कत न हो इसलिए उन्होंने एक ‘वॉर रूम’ भी तैयार किया है।

लोगों की मदद के लिए बेच दी एसयूवी।

शाहनवाज ने मुंबईकरों की मदद के लिए कुछ दिनों पहले अपनी 22 लाख रुपए की SUV भी बेच दी। अपनी फोर्ड एंडेवर की बिक्री के बाद मिले पैसों से शाहनवाज ने 160 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदकर जरूरतमंदों तक पहुंचाए। शाहनवाज ने बताया कि पिछले साल लोगों की मदद के दौरान पास पैसे खत्म हो गए, जिसके बाद मैंने अपनी कार को बेचने का निर्णय लिया।

ऐसे मिली लोगों की मदद की प्रेरणा।

शहनवाज ने बताया कि संक्रमण काल की शुरुआत यानी पिछले साल उनके एक दोस्त की पत्नी ने ऑक्सीजन की कमी से एक ऑटो रिक्शा में दम तोड़ दिया था। उसके बाद उन्होंने तय किया कि वे अब मुंबई में मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई का काम करेंगे। लोगों तक समय पर मदद पहुंचाने के लिए शाहनवाज ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया और एक वार रूम भी स्थापित किया है।

रोज 500 से 600 कॉल आ रहे हैं।

शाहनवाज बताते हैं कि इस बार पहले की तरह स्थितियां नहीं हैं। जनवरी में जहां ऑक्सीजन के लिए 50 कॉल आती थीं, वहीं अब रोज 500 से 600 कॉल हर दिन आ रही हैं। आलम यह है कि अब हम सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत लोगों तक ही मदद पहुंचा पा रहे हैं।

ऐसे लोगों के घरों तक पहुंचाते हैं सिलेंडर।

शाहनवाज ने बताया कि उनके पास वर्तमान में 200 ऑक्सीजन के सिलेंडर हैं। जिसमें से 40 किराएं के हैं। फोन करने वाले जरूरतमंद को वे पहले अपने यहां बुलाकर ऑक्सीजन ले जाने के लिए कहते हैं। जो सक्षम नहीं होता है उसके घर तक सिलेंडर पहुंचाया जाता है।

4000 से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचा चुके हैं मदद।

शाहनवाज के मुताबिक टीम के लोग मरीजों को उसके इस्तेमाल का तरीका समझाते हैं। इस्तेमाल के बाद ज्यादातर मरीजों के परिजन उनके वॉर रूम तक खाली सिलेंडर पहुंचा देते हैं। शाहनवाज के मुताबिक, वे पिछले साल से अब तक वे 4000 से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचा चुके हैं।

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