इंदौर : जन सामान्य की जल,मल,सड़क विद्युत, प्रकाश, स्वच्छता, नाली, परिवहन सेवा, अस्पताल, डिस्पेंसरी आदि मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए जिला न्यायालय में लोक अदालतें आयोजित की जा रही है। इन लोक अदालतों के माध्यम से लोगों को त्वरित एवं सुलभ न्याय मिल रहा है।
जिला न्यायालय के अपर जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इंदौर के अध्यक्ष मनीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जन उपयोगी समस्याओं के निराकरण हेतु गत 30 जनवरी 2021 को लोक अदालत आयोजित की गई थी। लोक अदालत में कुल 32 मामले सुनवायी हेतु रखे गये। जिनमें से 9 प्रकरणों का निराकरण त्वरित किया गया।
श्री श्रीवास्तव के मुताबिक आवेदक परीक्षित शर्मा ने जन उपयोगी लोक अदालत में इस आशय का आवेदन पेश किया था कि उसके स्कीम नंबर 51 श्रीराम वाटिका के पास स्थित मकान की पश्चिम दिशा से हाईटेंशन लाइन निकलती है। उसके नीचे जंगली पेड़-पौधे बड़े हो गए हैं, जो हाईटेंशन लाइन और उसके निवास को छूते हैं, जिससे उसकी जान को खतरा है। उसे ऐसा भी पता लगा है कि हाईटेंशन लाइन बंद हो चुकी है। विद्युत कंपनी द्वारा हाईटेंशन लाइन बंद होने के बाद भी तार नहीं निकाले जा रहे हैं। नगर निगम द्वारा हाईटेंशन लाइन के नीचे उगे जंगली पेड़-पौधे जो कि हाईटेंशन लाइन और आवेदक के घर को छू रहे हैं, उन्हें हटाया नहीं जा रहा है। इस पर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं नगर पालिका निगम को प्रकरण में उपस्थित होने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये। जन उपयोगी लोक अदालत में प्रकरण प्रस्तुत होने के फलस्वरूप पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी द्वारा बंद हो चुकी हाईटेंशन लाइन के तार निकाले गये एवं नगर निगम के द्वारा जंगली पेड़-पौधों की छटाई की गई। इस प्रकार जन उपयोगी लोक अदालत के माध्यम से आवेदक परीक्षित शर्मा को शीघ्र और सुलभ न्याय प्राप्त हुआ।
इसी प्रकार आवेदिका कंचन शुक्ला ने इस आशय का प्रकरण लगाया था कि उसे शासकीय आवास क्रमांक 66, राजीव आवास विहार अगस्त 2018 में निवास हेतु आवंटित किया गया था। नगर पालिका निगम ने कचरा प्रबंधन शुल्क के संबंध में उससे 1 अप्रैल 2018 से शुल्क राशि की मांग की थी। उक्त प्रकरण में नगर निगम को तलब किया गया और यह पाये जाने पर कि आवेदिका कंचन प्रश्नगत स्थान में अगस्त 2018 से मकान आवंटित होने के पश्चात निवास करने गई थी। तब ऐसी स्थिति में उससे अगस्त 2018 से पहले की अवधि का कचरा प्रबंधन शुल्क नहीं वसूला जा सकता है। इस प्रकार जन उपयोगी लोक अदालत के माध्यम से आवेदिका कंचन अप्रैल 2018 से जुलाई 2018 तक की कचरा प्रबंधन शुल्क राशि के दायित्व से बची। इस प्रकार जन उपयोगी लोक अदालत के माध्यम से आवेदिका को त्वरित राहत प्रदान की गई। एक अन्य प्रकरण में आवेदक संतोष यादव ने जन उपयोगी लोक अदालत के समक्ष इस आशय का आवेदन दिया कि नगर पालिका निगम द्वारा मूसाखेड़ी वार्ड क्रमांक 51 जोन नंबर 18 के अन्तर्गत नर्मदा पाइप लाइन बिछाई गई है। उक्त पाइप लाइन से कनेक्शन आवेदक के घर वाली गली नंबर 2 में नहीं किया जा रहा है। जिस पर नगर पालिका निगम को जन उपयोगी लोक अदालत का नोटिस प्रेषित किया गया। जन उपयोगी लोक अदालत के माध्यम से आवेदक के निवास स्थान वाली गली में पाइप लाइन डाला जाना सुनिश्चत हुआ।
इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में आवेदिका आरती भदोरिया ने मजिस्ट्रेट लाइन एम.टी.एच. कम्पाउण्ड, प्रेस क्लब के पीछे स्थित शासकीय आवास में उसके घर के पीछे खुले स्थान में अत्यधिक गंदगी फैली होना, नगर निगम की नल की पाएप लाइन फूटी होना और नाली, चेम्बर, ड्रेनेज चोक होना बताते हुए उक्त कार्य कराए जाने का अनुतोष चाहा गया। जिस पर जन उपयोगी लोक अदालत के माध्यम से आवेदक आरती के घर के पीछे फूटी हुई पाइप लाइन सुधरवाते हुए आवेदिका के घर के पीछे खुले स्थान पर फैली हुई गंदगी की साफ – सफाई सुनिश्चित कराई गई और आवेदिका के घर के पीछे से 10 डम्पर मिट्टी मलबा हटवाया गया।
एक अन्य मामले में आवेदिका नाजनीन खान द्वारा इस आशय का आवेदन प्रस्तुत किया गया कि उनके घर 171 छोटी खजरानी स्थित मकान नंबर 49 यशोदा नगर के सामने वाले रोड़ पर हमेशा पानी व कीचड़ जमा रहता है। कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर निगम द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस पर नगर निगम को प्रकरण का सूचना पत्र प्रेषित किया गया। नगर निगम द्वारा आवेदिका के घर के सामने स्थित सी.सी. रोड़ से कीचड़ गंदगी की सफाई करते हुए यह बताया गया कि वहीं पास में सार्वजनिक नलकूप होने के कारण और सड़क पर ढलान होने के कारण पानी नल से बहकर आता है, जिसके कारण गंदगी फैलती है। इस संबंध में वहाँ आसपास के निवासियों के नल कनेक्शनों में टोटी लगाने हेतु नगर निगम ने निर्देशित किया और बहने वाले अतिरिक्त जल को रोड़ पर फैलने से रोकने के लिये सार्वजनिक नल कूप के पास एक चेम्बर बनाते हुए उस पानी को अण्डर ग्राउण्ड पाइप लाइन के माध्यम से ड्रेनेज लाइन में जोड़ा जाना सुनिश्चित किये जाने का आदेश दिया गया।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका रंजना वासिंदे ने बजाज फायनेंस कंपनी के विरूद्ध इस आशय की शिकायत प्रस्तुत की, कि ली गई ऋण राशि का एकमुश्त भुगतान कर देने के बाद भी उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र फायनेंस कंपनी द्वारा नहीं दिया जा रहा है, जिस पर बजाज फायनेंस कंपनी को तलब किया गया और आवेदिका रंजना के स्वर्गीय भाई सतीश वासिंदे के द्वारा अनावेदक फायनेंस कंपनी से लिये गये ऋण से संबंधित संव्यवहार एवं बकाया ऋण राशि का निर्धारण कर उभय पक्षों के मध्य राजीनामा कराते हुए बजाज फायनेंस कंपनी को लिए गए ऋण के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र शीघ्र प्रदान करने हेतु निर्देशित किया गया।
अध्यक्ष जन उपयोगी लोक अदालत मनीष श्रीवास्तव ने जन सामान्य से यह अपील की है कि यदि उन्हें सड़क, जल, मल, विद्युत, प्रकाश, स्वच्छता, नाली, सड़क परिवहन सेवा, अस्पताल या डिस्पेंसरी सेवा से संबंधित कोई शिकायत या परेशानी हो तो ऐसे सभी व्यक्ति धन राशि खर्च किये बिना अपना शिकायत आवेदन जिला न्यायालय स्थित विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत करें। जन उपयोगी लोक अदालत के माध्यम से लोग अपनी उक्त प्रकृति की विधिमान्य समस्याओं का शीघ्र निराकरण करा सकते हैं।