भोपाल : भाजपा के दिग्गज नेता, पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने दो ट्वीट करके नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग को मेडीकल में दिए आरक्षण पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर लोकसभा व राज्यसभा में चर्चा न कराने को लोकतंत्र की रुग्णता बताया है।
सुप्रीम कोर्ट की निर्धारित सीमा से ज्यादा हो रहा आरक्षण।
कप्तान सिंह सोलंकी ने केन्द्र की Neet परीक्षा में 27+10+10+ 7.5 पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 फीसदी की सीमा से ज़्यादा हो रहा है। साथ ही मेरिट को कमतर आँकना quality को कम करना है।
बिना चर्चा के विधेयक पास होना लोकतंत्र की रुग्णता।
कप्तान सिंह सोलंकी ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि लोक सभा और राज्यसभा में बिना चर्चा किए विधेयक पास होना लोकतंत्र की रुग्णता का परिचायक है ।सांसदों के महत्वपूर्ण सुझाओं से देश बंचित रह जाता है।जनमत की इज़्ज़त करें।
मेरे ट्वीट में गलत क्या है।
कप्तान सिंह सोलंकी ने बेबाकी के साथ कहा कि हां यह दोनों ट्वीट मेरे हैं। इसमें गलत कहा है?