रजत कलशों की सहस्त्रधारा से किया गया माता महालक्ष्मी का महाभिषेक

  
Last Updated:  June 15, 2023 " 09:04 pm"

स्वर्ण मंगलगिरी पर निकली पराम्बा माँ लक्ष्मी की शोभायात्रा।

ॐ श्रियं श्रियै नमः का हजारों वैष्णव जन ने जयघोष कर की माँ लक्ष्मी की कुमकुम अर्चना।

छत्रीबाग में 16 जून को निकलेगी प्रभु वैंकटेश की छोटी रथयात्रा।

इंदौर : श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में चल रहे सात दिवसीय ब्रह्मोत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव के दूसरे दिन गुरुवार को भगवती श्री महालक्ष्मी का रजत कलशों की सहस्त्रधारा से महाभिषेक किया गया। इन रजत कलशों में दूध, दही, घी, शकर,शहद, इत्र,आमरस व नदियों का जल भरा गया था।इन सुंदर कलशों की सहस्त्रधारा से भगवती महालक्ष्मी का तिरूमंजन नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने किया। प्रभुदयाल तोतला यजमान परिवार द्वारा कलशों का पूजन किया गया।

प्रचार प्रमुख पंकज तोतला ने बताया कि देवस्थान के अर्चक बिहारीलाल व सुदर्शनाचार्य मुकुंद रामानुजदास सत्तू नंदलाल के साथ ही दक्षिण से पधारे भट्टर स्वामी द्वारा मां भगवती का अदभुत श्रृंगार किया गया।

मां भगवती की तुलसी, पुष्प और सुगंधित पदार्थों से अर्चना।

महाभिषेक के बाद श्री लक्ष्मी नारायण की सवारी वाद्ययंत्रों के साथ उत्सव मंड़प पहुंची। वहाँ नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के साथ ही संत श्री रंगनाथाचार्य महाराज, त्रिविक्रमचार्य महराज ने भगवती की 108 रजत तुलसी,108 रजत कमल, 108 स्वर्ण पुष्प,जूही,मोगरा, रजत कमल,केशर,काजू,बादाम,अंजीर, किशमिश,हापुस आम अनेक सूगन्धित पदार्थो द्वारा अर्चना की। उधर सभी वैष्णव भक्त उत्सव मंडप में सभी भक्त जोड़े से बैठकर श्री श्रियै नमः का मंत्र बोलते हुए अपने सामने रखे चित्र पट पर कुमकुम से अर्चना कर रहे थे। सभी श्रद्धालुओं को मनोहर शास्त्री,केलाश शास्त्री द्वारा जल पुष्प से संकल्प दिलवाया गया। बाद में एक साथ कपूर आरती कर सभी को गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया।

माता महालक्ष्मी की मंदिर परिसर में निकली शोभायात्रा।

शाम के सत्र में भगवती श्री महालक्ष्मी की स्वर्ण मंगलगिरी पर सजधज कर सवारी मंदिर परिसर में शोभायात्रा के रूप में निकली। इस दौरान विद्यर्थियों द्वारा स्तोत्र पाठ किये गये व भजन गायक द्वारा भजनों की सुमधुर प्रस्तुतियां दी गई।

सजाई विशालकाय रंगोली।

इस अवसर पर निज मंदिर में विशालकाय रंगोली भी सजाई गई जिसमें करीब 1000 किलो रंगों का उपयोग किया गया था।रंगोली में बादलों के बीच कृष्ण भगवान बकासुर का वध करते नजर आए। साथ ही प्रभु के नीलवर्ण स्वरूप में दर्शन हुए।

गादी घर मे पूर्व आचार्य श्रीनिवासाचार्य महाराज के कथा करते दर्शन भक्तों ने किए।

16 जुन को ये होंगे उत्सव।

श्रृंगार आरती प्रातः 8 बजे, प्रातः 9 बजे से प्रभु श्री वेंकटेश का महाभिषेक होगा। उसके बाद प्रवचन होंगे।

छत्रीबाग में निकलेगी शोभायात्रा।

रात्रि में 8.30 बजे से प्रभु श्री वेंकटेश की शोभयात्रा छत्रीबाग में निकलेगी जो राजस्व ग्राम से माहेश्वरी विद्यालय, शिव मंदिर होते हुए पुनः देवस्थान पर आएगी, जहाँ प्रभु की नजर उतारकर आरती की जाएगी। स भक्त भगवान की शोभायात्रा के आगमन पर दीपक लगाकर, रंगोली बनाकर स्वागत करेंगे। विद्यार्थियों द्वारा स्तोत्र पाठ का वाचन होगा। इसी के साथ हरिकिशन साबू भोपूजी भजन पेश करेंगे।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *