लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में 15 दिवसीय झूला उत्सव प्रारंभ।
इंदौर : श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में शनिवार से प्रभु वेंकटेश का दिव्य झूला महोत्सव नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के मंगलाशासन में प्रारम्भ हुआ।
चांदी से निर्मित है प्रभु का मनोहारी झूला, जिसमे सुंदर आकृतियों के साथ ही अनेक झरोखो का भी निर्माण किया गया है। इसमें चांदी से ही निर्मित ध्वज पताकाये भी बनी है। प्रभु वेंकटेश को भगवती श्रीदेवी व भूदेवी के साथ राजाधिराज स्वरूप में विराजमान किया गया। हरियाली के बीच प्रभु का मोगरा, गुलाब,रजनीगंधा, कुंद के पुष्पों से दिव्य श्रृंगार किया गया था।
मीडिया प्रभारी पंकज तोतला ने बताया कि शाम 6 बजे से झूला महोत्सव प्रारम्भ हुआ, जिसमें सर्वप्रथम वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला के विद्यर्थियों द्वारा प्रभु के स्तोत्र पाठ आलवन्दार स्तोत्र, गुरू परम्परा,वेंकटेश स्तोत्र,रामरक्षा स्तोत्र पाठ का वाचन कर प्रभु को सुनाया गया।
गोविंदा गोविंदा के जयघोष के साथ सभी भक्त अपने आराध्य देव को भक्तिभाव से भजन गाते हुए झूला, झूला रहे थे।वेंकटेश भजन मंडली द्वारा सुमधुर भजन पेश किए गए।
रात 9 बजे प्रभु की महाआरती की गई। 108 नामों के स्वर्ण पुष्प से अर्चना की गई। बाद में तीर्थ तुलसी के साथ प्रसाद का वितरण किया गया।
इस अवसर पर मुकुंद रामानुजदास, सत्तू काका,लोकेश तिवारी,पंकज तोतला, राजेन्द्र सोनी,रमेश चितलांगया,आनंद बजाज,अंकित पाठक,सौरभ चौहान मौजूद थे।