राजपूत समाज को पर्याप्त राजनीतिक भागीदारी देने वाले दल की ही बनेगी सरकार

  
Last Updated:  September 1, 2023 " 07:55 pm"

राजपूत करणी सेना ने नौ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश में स्वराज केसरिया स्वाभिमान यात्रा निकालने का किया ऐलान।

बीजेपी व कांग्रेस से चुनाव में राजपूत समाज के लोगों को 50 -50 टिकट देने की मांग की।

मांगे नहीं मानने वाले दल को एकजुट होकर हराने का किया दावा।

08 अक्टूबर को करेंगे मुख्यमंत्री निवास का घेराव।

इंदौर : विधानसभा चुनाव करीब आते ही विभिन्न समाजों से जुड़े संगठन भी सक्रिय होकर उनके समाज के लोगों को अधिकाधिक टिकट देने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर वे दोनों प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस पर दबाव बना रहे हैं। इस मामले में राजपूत करणी सेना सर्वाधिक मुखर है। स्व. लोकेंद्र सिंह कालवी द्वारा स्थापित करणी सेना के इस धड़े ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर समूचे प्रदेश में स्वराज केसरिया स्वाभिमान यात्रा निकालने का ऐलान किया है। ये यात्रा तीन सितंबर से प्रारंभ होकर विभिन्न जिलों का भ्रमण करते हुए 8 अक्टूबर को भोपाल पहुंचेगी, जहां राजपूत समाज को पर्याप्त राजनीतिक भागीदारी देने सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।

राजपूत समाज को दिए जाएं 50-50 टिकट।

राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग प्रताप सिंह राघव ने उपरोक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों राजनीतिक दल राजपूत समाज की उपेक्षा करते रहे हैं। इस बार हम ऐसा होने नहीं देंगे। जो भी राजनीतिक दल हमारी मांगों को अनदेखा करेगा हम उसे हराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। श्री राघव ने दावा किया की मप्र में राजपूतों की तादाद कुल जनसंख्या की 15 फीसदी से अधिक है। इसके चलते जिन सीटों पर राजपूत समाज का बाहुल्य है, वहां से किसी राजपूत नेता को ही प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस से हमारी मांग है की प्रदेश में 50- 50 टिकट राजपूत समाज के लोगों को दिए जाएं। जो दल ऐसा नहीं करेगा उसे हराने में हम अपनी पूरी ताकत लगा देंगे।

ये हैं नौ सूत्रीय मांगे :- 👇

1) बीजेपी और कांग्रेस राजपूत समाज को 50 -50 टिकट देने का ऐलान करें।
2) एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग रोकने हेतु उसमें संशोधन किया जाए। जांच के बाद ही गिरफ्तारी का प्रावधान हो।
3) क्षत्रिय समाज के इतिहास से छेड़छाड़ रोकने के लिए इतिहास सरंक्षण कमेटी का गठन किया जाए। ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हो।
4) ews आरक्षण में अनेक पेचीदगियां हैं। उनका सरलीकरण किया जाए। प्रदेश सरकार केंद्र से इसकी सिफारिश करें, ताकि सवर्ण समाज के आर्थिक रूप से गरीब युवाओं को शिक्षा व नौकरी में अधिकाधिक अवसर प्राप्त हो सकें।
5) पंचायत राज चुनावों में ews आरक्षण लागू हो ताकि गरीब सवर्णों की लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी बढ़े।
6) राजस्थान में गुर्जरों के लिए देवनारायण बोर्ड का गठन किया गया है। उसी तर्ज पर मप्र में राजपूतों के लिए महाराणा प्रताप बोर्ड का गठन किया जाए।इससे समाज के गरीब छात्रों को छात्रावास, उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं मिल सकें। इस बोर्ड के लिए 200 करोड़ का बजट भी दिया जाए।
7) राजपूत समाज के वीर, पराक्रमी योद्धाओं के शौर्य से नई पीढ़ी को अवगत कराने के लिए पैनोरमा निर्माण हेतु प्राधिकरण का गठन किया जाए।
8) टीवी और फिल्मों में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ को रोकने के लिए सेंसर बोर्ड के अलावा इतिहासकारों की समिति का गठन किया जाए। प्रदेश सरकार इस दिशा में पहल करें और केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे।
9) करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी की भोपाल व इंदौर में उचित स्थान पर प्रतिमा स्थापित की जाए।

मांगे नहीं मानी जाने तक मुख्यमंत्री निवास से नहीं हटेंगे।

राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग प्रताप सिंह के अनुसार वे इन नौ सूत्रीय मांगों को लेकर स्वराज केसरिया स्वाभिमान यात्रा के जरिए प्रदेश भर में अलख जगाएंगे। इंदौर में यह यात्रा 7 से 14 सितंबर तक भ्रमण करेगी। विभिन जिलों से होते हुए 08 अक्टूबर को भोपाल पहुंचेगी जहां मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर इन मांगों को पूरा करने पर जोर दिया जाएगा। उनका कहना था कि इस बार वे आर – पार की लड़ाई लड़ेंगे। जब तक उनकी मांगे मान नहीं ली जाती, वे मुख्यमंत्री निवास से नहीं हटेंगे।

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