इंदौर : कोरोना संक्रमण के उपचार में उपयोगी रेमडेसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ लगातार की जा रही है। इसी कड़ी में क्राइम ब्रांच ने बाणगंगा पुलिस के सहयोग से तीन और आरोपियों को बन्दी बनाया है।पकड़े गए आरोपियों से 4 रेमडेसीवीर इंजेक्शन जब्त किए गए। जरूरत मंद एवं आम जनता की मजबूरी का फायदा उठाकर अवैध धन लाभ के लिए ऊंची कीमत पर यह इंजेक्शन बेचने वाले अभी तक 18 आरोपी व 417 रेमडेसीवीर इंजेक्शन क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए हैं।
लवकुश चौराहे से पकड़े गए आरोपी।
क्राइम ब्रांच इंदौर को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी की सांवेर निवासी अमन पिता शरीफ ताज उम्र 25 साल नि. पानोर बायपास चौराहा सांवेर, रेमडेसीवीर इंजेक्शन बेचने के लिए शहर में कई लोगों से संपर्क कर चुका है। इस सूचना पर क्राइम ब्रांच एवं थाना बाणगंगा की टीम लवकुश चौराहा पहुंची और घेराबंदी कर आरोपी को धर- दबोचा। आरोपी अमन ताज के साथ उसकी गाड़ी में में दो अन्य आरोपी डॉं. राकेश पिता सुरेश मालवीय उम्र 35 साल नि. स्कीम नं. 78 एवं शाहरूख पिता सत्तार खॉं उम्र 25 साल नि. पुराने पेट्रोल पंप के पीछे देपालपुर भी बैठे मिले। उन्हें भी बन्दी बनाया गया। तीनों आरोपी तीस- तीस हजार रुपए में रेमडेसीवीर बेचने की फिराक में थे। उनसे 4 इंजेक्शन बरामद हुए।
आरोपी अमन ताज से पूछताछ में पता चला कि उक्त इंजेक्शन दूसरे आरोपी डॉ. राकेश पिता सुरेश मालवीय ने मरीज को लगाने के लिए उसके परिजनों से मंगवाए थे। इंजेक्शन मरीज को न लगाकर उन्हें डॉ. राकेश मालवीय ने आरोपी अमन ताज व आरोपी शाहरूख पिता सत्तार के साथ मिलकर ऊंचे दामों पर अधिक मुनाफा कमाने के लिए बेचने की योजना बनाई। आरोपी अमन को ग्राहक से बातकर इंजेक्शन बेचने के लिये कहा।
आरोपी अमन ताज पेशे से मेडिकल दुकान संचालक है।वह सांवेर में अपनी मेडिकल शॉप चलाता है। आरोपी अमन की पहचान आरोपी डॉ. राकेश मालवीय से चंद्रावती गंज के एक अस्पताल में काम करते हुए हुई थी, जहां दोनों लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व काम किया करते थे उसके बाद 1-आरोपी अमन ने मेडीकल शॉप का संचालन शुरू कर दिया ,एवं 2- डॉ. राकेश मालवीय इंदौर में ही किसी अस्पताल में मरीज देखने का काम करने लगा। 3-आरोपी शाहरूख खॉ, आरोपी अमन ताज का ही रिशतेदार है जो देपालपुर में रहता है एवं वेल्डिंग का काम करता है तीनों आरोपी अत्यधिक मुनाफा कमाने की नीयत से जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने लगे। उक्त तीनों आरोपियों पर थाना बाणगंगा में धारा 420भादवि, 24 (मध्यप्रदेश राज्य आर्युविज्ञान परिषद एक्ट 1956 एवं 1958), 3 (महामारी अधिनियम 1897) के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।