इंदौर : राष्ट्र सेविका समिति की इंदौर शाखा द्वारा दो दिवसीय व्याख्यान माला का आयोजन लक्ष्मीबाई केलकर की स्मृति में 25 और 26 जनवरी को किया जा रहा है।
समिति की विभाग कार्यवाहिका आरती मिश्रा, अनघा साठे, भारती कुशवाह और रेणुका पिंगले ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि
जाल सभागृह में होने वाली इस व्याख्यानमाला में पहले दिन 25 जनवरी को पुणे की ख्यात मनोविज्ञानी डॉ. सुखदा अभिराम ‘मन रे तू काहे न धीर धरे’ विषय पर अपने विचार रखेंगी। दूसरे दिन 26 जनवरी को वृंदावन की डॉ शरद रेणु शर्मा का व्याख्यान होगा। वे ‘मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए’ विषय पर व्याख्यान देंगी। दोनों दिन व्याख्यान का समय शाम 5 बजे से होगा।
राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका हैं लक्ष्मीबाई केलकर ।
स्व. लक्ष्मीबाई केलकर ने डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की प्रेरणा से स्त्री शक्ति के जागरण हेतु 1936 में राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना की। समिति का मूल उद्देश्य ही मातृशक्ति को हरतरह से सक्षम बनाना था। उनके विलक्षण नेतृत्व में राष्ट्र सेविका समिति का दायरा बढ़ता गया और आज वह वटवृक्ष बन गया है। देश के 551 जिलों में राष्ट्र सेविका समिति की ढाई हजार से अधिक शाखाएं हैं। 600 से अधिक सेवा प्रकल्प समिति के माध्यम से चलाए जा रहे हैं।
समिति की पदाधिकारियों ने बताया कि समाज जीवन की विसंगतियों और विकृतियों को रेखांकित कर उनके समाधान का प्रयास करना इस व्याख्यानमाला का उद्देश्य है। व्याख्यानमाला सभी के लिए खुली है।