लता मंगेशकर अलंकरण से सम्मानित की गई बॉलीवुड की तीन दिग्गज हस्तियां

  
Last Updated:  September 29, 2022 " 12:28 am"

स्वर कोकिला लता मंगेशकर की इंदौर में प्रतिमा स्थापित होगी।

लता जी के नाम से इंदौर में संगीत अकादमी, संगीत महाविद्यालय और संग्रहालय की स्थापना होगी।

लता अलंकरण समारोह में वर्चुअली जुड़े मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की घोषणा।

सुरमयी संगीत संध्या भी हुई।

इंदौर :मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में सम्पन्न हुए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय लता मंगेशकर अलंकरण समारोह को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए स्वर कोकिला लता मंगेशकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि इंदौर में लता जी के नाम संगीत अकादमी, संगीत महाविद्यालय और संग्रहालय की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि लता जी द्वारा संगीत के क्षेत्र में दिए गए योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।

लता अलंकरण से नवाजे गए शैलेंद्र सिंह, आनंद – मिलिंद और कुमार शानू।

राज्य शासन के प्रतिष्ठा प्रसंग राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान अलंकरण समारोह में फिल्मी जगत की गायन एवं संगीत क्षेत्र की तीन हस्तियों को राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान से अलंकृत किया गया। यह सम्मान प्राप्त करने वालों में शैलेन्द्र सिंह, आनंद-मिलिंद एवं कुमार शानू शामिल हैं। इन्हें यह सम्मान राज्य शासन की ओर से पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने प्रदान किया। वर्ष 2019 का सम्मान पार्श्व गायन के लिए शैलेन्द्र सिंह को, वर्ष 2020 का सम्मान संगीत निर्देशन के लिए आनंद-मिलिंद को एवं वर्ष-2021 का सम्मान पार्श्व गायन के लिए कुमार शानू को प्राप्त हुआ।

इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला और मालिनी गौड़ ,पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता और राजेश सोनकर, वरिष्ठ नेता मधु वर्मा विशेष रूप से मौजूद थे।

समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ है। लता जी भारत के इतिहास में महान अध्याय के रूप में दर्ज है। आज वे भौतिक रूप से भले ही हमारे बीच में नहीं है, परंतु वे अपने गीत, देशभक्ति, संस्कार, मूल्य, आवाज के माध्यम से हमेशा हमारे बीच रहेंगी। उन्होंने कहा कि लता जी के बगेर देश अधुरा है। गीत-संगीत सूना है। उनकी कमी पूरी नहीं हा सकती है। उन्होंने कहा कि लता जी की स्मृतियों को प्रदेश में चिरस्थायी रखा जाएगा।

गीत – संगीत से मिलती है तनाव से मुक्ति।

समारोह को सम्बोधित करते हुए पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि गीत-संगीत परमात्मा के पर्याय हैं। उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति का संरक्षण एवं सवर्धन हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि गीत-संगीत के माध्यम से तनाव से मुक्ति मिलती है तथा सुख-शांति व संतुष्टि का मार्ग प्रशस्त होता है।

लगातार करें रियाज।

अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में शेलेन्द्र सिंह ने कहा कि यह मैरा सौभाग्य है कि लता जी के नाम से स्थापित यह अवार्ड मुझे मिल रहा है। उन्होंने गीत-संगीत की साधना में लगे युवाओं से कहा कि वे लगातार रियाज करते रहें। अपनी आवाज में गाए, किसी की नकल नहीं करें।

लता मंगेशकर सम्मान जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि।

कार्यक्रम में सम्मान प्राप्त आनंद मिलिंद ने संयुक्त रूप से कहा कि यह अलंकरण जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान के प्रति आभार व्यक्त किया।

यह अलंकरण सबसे महत्वपूर्ण।

प्रतिष्ठित लता मंगेशकर सम्मान से अलंकृत कुमार शानू ने कहा कि आज का दिन उनकी जिंदगी का सबसे अहम दिन है। लता जी के नाम से यह अलंकरण का महत्व मैरी जिंदगी में सबसे ज्यादा रहेगा। उन्होंने इस अलंकरण के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति विशेष रूप से आभार व्यक्त किया।

अलका याग्निक और समूह ने पेश किए सुरीले नगमें।

अलंकरण समारोह के पश्चात् संगीत संध्या का आयोजन भी हुआ। इसमें सुप्रसिद्ध गायिका सुश्री अलका याग्निक एवं ग्रुप मुम्बई द्वारा सुरमयी प्रस्तुतियां दी गई। इस अवसर पर राज्य स्तरीय सुगम संगीत प्रतियोगिता के विजेताओं द्वारा भी प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम के अंत में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने आभार व्यक्त किया। संस्कृति विभाग के संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी ने प्रशस्ति पत्र का वाचन किया।

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