वैंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में मनाया गया गोदा – रंगनाथ का विवाहोत्सव

  
Last Updated:  January 12, 2024 " 08:32 pm"

गोविंदा गोविंदा के जयघोष से गूंज उठा पूरा देवस्थान।

151 घडो का खिरान भोग प्रभु को समर्पित किया गया।

इंदौर : भीनी भीनी इत्र की महक,फूलों से सजा प्रभु का विवाह मंडप, शहनाई की धुन,सखियो द्वारा विवाह के  गीतों का मधुर गान,गोविंदा गोविंदा के जयकारे के साथ हाथों में भगवती के रत्न जड़ित गहनें,वस्त्र,फल,व डॉयफ्रूट लेकर चलते वधू पक्ष के यजमान श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामीश्री श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज, भगवती गोदा अम्बा के श्री विग्रह को गोद में लेकर भक्तों के साथ सत्संग मंडप में पहुंचे।

इसके बाद प्रभु रंगनाथ की बारात सजे- धजे नाचते- गाते, झूमतेे बारातियों के साथ निकली। बारात में बैंड बाजे और ढोलक की धुन पर सखियां गरबा,मटकी आदि नृत्य करते चल रहीं थीं। युवा साथी बारात का स्वागत डॉयफ्रूट से कर रहे थे, साथ ही भक्तो का एक बड़ा समूह वेंकटरमण गोविन्द श्रीनिवासा गोविंदा का जयघोष करता चल रहा था। इस दौरान जोरदार आतिशबाजी भी की गई।

बारात घूमती हुई नाचते गाते सत्संग हाल में पहुंची, जहां इत्र,गुलाबजल,व पुष्पों द्वारा सभी का  स्वागत किया गया। तोरण लगाकर रंगनाथ प्रभु ने विवाह मंडप में प्रवेश किया।

भजन गायक द्वारका मंत्री  ने  गाजे बाजे के साथ पधारो रंगनाथ,राम आएंगे राम आएंगे,लड्डू गोपाल मेरे लड्डू गोपाल, बहारो फूल बरसाओ मेरे रंगनाथ आए हैं, रंग जी बना की गोदा बनी रे दुल्हनिया आदि भजन गाकर माहौल में भक्तिमय उल्लास भर दिया।उधर वेदोक्त रूप से मंत्रोच्चार भी चल रहे थे।

देवस्थान के मीडिया प्रभारी पंकज तोतला ने बताया कि पुजारी सुदर्शनाचार्य, शिवम पांडे, मुकुंद रामानुज दास,पाठशाला के मनोहर शास्त्री, ,गोपाल शर्मा द्वारा विवाह मंडप में वर और वधु पक्ष विकास धुत व कल्याण मल मंत्री परिवार से संकल्प कराकर विवाह की रस्में संपन्न कराई।
हल्दी,मेहंदी,वस्त्रों का आदान प्रदान,मायरा, चाक,भात,गठ जोड़ा,लड्डू झिलाय, की रस्में इस दौरान संकल्प कराकर कराई गई।

अगली कड़ी में वर माला के लिए प्रभु रंगनाथ की गोदा को व गोदा  की रंगनाथ को माला धारण कराई गई और अग्नि प्रज्वलित कर सात फेरो का क्रम कर मंगल सूत्र व मांग भराई की रस्म संपन्न की गई।

इस अव्सर् अयोध्या ट्रस्ट से पधारे
आयोजकों ने गुरुदेव को श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव अयोध्या का निमंत्रण पत्र दिया। गुरुदेव ने अयोध्या जाने की स्वीकृति प्रदान
की। इंदौर के सभी भक्तों की ओर से नागोरिया पीठाधीश्वर 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे।

विवाहोत्सव में सभी भक्तों को विवाह का रक्षा सूत्र बंधा गया।सभी भक्तों द्वारा कन्या दान अर्पित किया गया।

इन अवसर पर नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्रीविष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने भगवती गोदा अम्बा के पूरे माह के पावन पर्व का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि उपवास व्रत भाव प्रधान होता है। उसमे आपके प्रभु के प्रति जो भाव होते हैं, वो आपके व्रत को पूर्ण करते हैं। यदि हम शुद्ध और समर्पित भाव से उस व्रत को करते है तो सब मनोकामनाएं पूर्ण ही जाती है।
उन्होंने बताया के ये माह में ही सिर्फ माता गोदा के केश के दर्शन होते है और परमात्मा स्वयं भी गोदा अम्बा के इस स्वरूप के दर्शन करते हैं।

इस माह में गोदा के केश को सजाया जाता है, बनाया जाता है।
इस पूरे माह जब तक भगवती गोदा की माला प्रभु को धारण नही होती जब तक प्रभु दर्शन नही देते।

151 कलश खिरान का लगा भोग।

विवाह के बाद गोदा अम्बा द्वारा प्रभु रंगनाथ को संकल्प अनुसार सभी 108 दिव्य देशों की ओर से 151 खिरान से भरे घड़ों का भोग अर्पित किया गया, जिस पर सुहाग के कुमकुम की डिबिया, चूड़ियां व लक्ष्मीजी का कुमकुम भी रखा गया था।

इस अवसर पर रविन्द्र धुत,पंकज तोतला, पवन व्यास, रमेश चितलानग्या, विकास धुत,सुमित मंत्री,भरत तोतला,प्रमोद गट्टानी, राजेन्द्र सोनी सहित बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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