108 रजत कलशों की सहस्त्रधारा से होगा प्रभु वेंकटेश का ज्येष्ठभिषेक ।
इंदौर : पावन सिद्धधाम श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में दिनाँक 11 जून बुधवार को प्रातः 9 बजे से श्रीमदजगदगुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज द्वारा प्रभु वेंकटेश का भगवती श्री देवी व भू देवी के साथ अभिमंत्रित किये गए 108 रजत कलशों की सहस्त्रधारा से स्तोत्र पाठ के साथ महाभिषेक किया जाएगा।
महाभिषेक में विशेष रूप से नदियों और समुद्र से लाए गए जल के साथ ही 136 प्रकार की विशेष औषधियों का उपयोग किया जाता है।अभिषेक के इस औषधीय युक्त जल को सभी भक्तों को तीर्थ के रूप में दिया जाता है, जिसे वे सभी भक्त स्वस्थ रहे।
प्रभु वेंकटेश को मुख्य रूप से दूध,दही,घी,शहद,शकर, इत्र,केशर के साथ ही,आम रस संतरा,मोसंबी,सेवफल,अनार,
पाइनापल, लीची,गन्ने का रस,आवला रस अरिठा रस सहित नदियों के जल व अनेक सुगंधित पदार्थों से भी प्रभु का
महाभिषेक किय्या जाता है साथ ही तुलसी दल के 1008 नामों से अर्चना भी की जाती है।
पंकज तोतला ने बताया
भक्तो में भी इस महाभिषेक को लेकर बड़ा उत्साह रहता है। बड़ी संख्या में भक्त गोविंदा गोविंदा का जयघोष करते हुए शामिल होते हैं। यह महाभिषेक लगभग 8 घंटे लगातार चलता है।
इस अभिषेक का महत्व इसलिए भी है कि क्योकि यह शास्त्रोक्त है। इसका उलेख शास्त्रों में भी किय्या गया है इसलिए सभी प्रमुख सम्प्रदाय में यह अभिषेक ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर नक्षत्र अनुसार किया जाता है।