इंदौर : संस्कृति व संस्कार के सरंक्षण के लिए समर्पित संस्था ‘संस्कार भारती’ मालवा प्रांत जिला इंदौर द्वारा ‘क्रांतिकारी संगीत संध्या’ का आयोजन रविवार 25 सितंबर को किया गया। पार्क रोड स्थित एसजीएसआयटीएस के सभागार में क्रांतिवीरों के विप्लव गीतों के साथ शास्त्रीय नृत्य के जरिए उनके योगदान को रेखांकित किया गया। इंदौर व मुंबई के कलाकारों ने यह कार्यक्रम पेश किया। झाबुआ के आदिवासी कलाकारों द्वारा मानगढ़ के बलिदानियों की स्मृति को समर्पित लोकगीत, प्रभावी नृत्य उपस्थित दर्शकों की दाद बटोर ले गया।
कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी और उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत व कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे अतिथि के बतौर मौजूद रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में समाज में संस्कारों को पुनर्स्थापित करने में संस्कार भारती द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।
अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के बाद ज्योत्सना सोहनी के निर्देशन में संस्कार भारती के गीत पर पेश की गई कथक नृत्य प्रस्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद झाबुआ के कलाकारों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में शहीद हुए मानगढ़ के क्रांतिकारियों की याद में लोकगीत पर नृत्य की बानगी पेश की।
स्वातंत्र्य वीर सावरकर, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, सरदार भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, लोकमान्य तिलक आदि क्रांतिकारियों के विप्लव गीत पेश किए कनकश्री भट्ट, पवन भाटिया, रोहन पटवर्धन, समीर दाते, ज्योति अनावकर, सुधीर सुभेदार और अंजलि चौहान ने।
नृत्य के माध्यम से मंचीय प्रस्तुति देने वाले कलाकार थे मंजुला साकल्ले, तृप्ति बिल्लोरे, मीना भावे, श्रद्धा दाते और मास्टर ओंकार दाते।
इस कार्यक्रम की संकल्पना अंजलि चौहान की थी। संगीत निर्देशन सुलोचना ताई मोघे का था। संचालन मोना ठाकुर ने किया।
कार्यक्रम स्थल पर लुभावनी रंगोली का निर्माण प्रमिला प्रमाल और छाया मलमकर ने किया।
इस मौके पर सुलोचना ताई मोघे का अतिथियों के हाथों शॉल – श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। इसी के साथ रंगोली कलाकार और मंच पर प्रस्तुति देने वाले तमाम कलाकारों को भी स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में संस्था परिचय सुधीर सुभेदार ने दिया। संजय तराणेकर और कल्पना झोकरकर ने अतिथियों का स्वागत किया। आभार अविनाश मोतीवाले ने माना। संस्कार भारती से जुड़े पदाधिकारी, गणमान्य नागरिक और प्रबुद्धजन इस दौरान मौजूद रहे।