इंदौर : म.प्र. की शिवराज सरकार का बजट लोकलुभावन नहीं, लोक हितकारी होकर रोजगारोन्मुखी, समाज के हर वर्ग के कल्याण का आदर्श बजट है।
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष और आर्थिक मामलों के जानकार गोविन्द मालू ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि,शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान कर सरकार ने अपनी प्राथमिकता दोहराई है। बजटीय अनुशासन और नियंत्रण बजटीय घाटा जीडीपी के 4℅ रखकर किया है। विकास को गति देने के लिए सिंचाई और फूलों की खेती को प्रोत्साहन देकर स्कूली शिक्षा और स्किल बढ़ाने पर ध्यान दिया है।
वित्त मंत्री ने जेंडर बजट पर 1 लाख करोड़ का प्रावधान कर आधी आबादी का ध्यान रखा है।
खेलों, धार्मिक स्थलों, सांस्कृतिक जागरण व संस्कारों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं।
केपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
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