भोपाल : प्रदेश में बर्फीली हवाओं ने डेरा जमा लिया है। कई शहरों में दिसंबर-जनवरी जैसी ठंड पड़ रही है। भोपाल में नवंबर का महीना 36 साल में सबसे ज्यादा ठंडा रहा है। यहां पारा 8.2 डिग्री तक पहुंच गया है। मंडला और शहडोल में पारा 7 डिग्री से भी नीचे है। दिसंबर में कड़ाके की ठंड का दौर जारी रहेगा।
पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम 234 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही है। मध्यप्रदेश के शहरों में यह औसत 8 से 10Km है। इस वजह से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर के साथ ही अन्य शहरों में भी ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। सर्द हवाओं के चलते गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई है। लोग भी गर्म कपड़े पहनकर ही घरों से निकल रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने बताया, अभी जेट स्ट्रीम हवा की ऊंचाई 12.6 किमी है। जब यह नीचे बहेगी, तब ठंड का असर और तेज हो जाएगा। इसके अलावा पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर डीप डिप्रेशन एक्टिव है। इसका असर भी प्रदेश में देखने को मिल रहा है।
नवंबर में पहली बार भोपाल में रात का तापमान पचमढ़ी से भी कम हो गया। गुरुवार-शुक्रवार की रात भोपाल में तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं पचमढ़ी में 9.6 डिग्री रहा। इससे पहले भोपाल में 1988 में पारा 7.5 डिग्री दर्ज किया गया था।