सस्ती और गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए स्वास्थ्य सेवा : भैया जी जोशी

  
Last Updated:  February 28, 2023 " 08:55 pm"

इंदौर : श्री गुरुजी सेवा न्यास इंदौर के तत्वावधान में आयोजित सुसंस्कारित स्वास्थ्य सेवा की राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र में भैया जी जोशी ने कहा कि देश एवं समाज की पहचान लोगों के आचरण, संस्कृति एवं परंपरा से होती है। भारत का चिंतन प्रारंभ से ही वैश्विक रहा है। हम “सर्वे: भवन्तुः सुखिनः”का भाव रखते हैं।चिकित्सा का मूल, व्यवसाय ना होकर सेवा कार्य है। इस हेतु उन्होंने आर्थिक एवं सेवा पक्ष में संतुलन की गहन आवश्यकता पर जोर दिया। भैयाजी ने कहा कि स्वास्थ्य सबका अधिकार है पर खर्चीली स्वास्थ्य सेवाओं का व्यय न दे पाने कारण यदि कुछ लोग दुःख भोगते हैं,तो हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत कार्यकर्ताओं के लिए यह विचारणीय बात है। स्वास्थ्य सेवा सस्ती तथा गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए।

भैयाजी के अनुसार कार्यक्रम का मूल उद्देश्य, संवेदना व सेवा का भाव प्रकट करना है। इस समय शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने चिकित्सको को सरल, समावेशी मानस एवं विश्वास का वातावरण निर्माण करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि विश्वास ही व्यक्ति को कार्य करने के लिए बल प्रदान करता है। भारत में सभी चिकित्सा पद्धतियां सर्व समावेशी हो। शिक्षा में स्वास्थ्य जागरूकता का समावेश होना चाहिए।

भैया जी जोशी ने सभी चिकित्सकों को ज्ञान योग, राज योग, कर्म योग व भक्ति योग के भाव के साथ अपने कार्य के प्रति समर्पित रहने का संकल्प दिलाया।

समापन सत्र में मंचासीन अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुहास हिरेमठ, डॉक्टर जयंतीभाई भाड़ेसिया, संघ के मालवा प्रांत के संघचालक प्रकाश शास्त्री और गुरुजी सेवा न्यास के मुकेश मोड उपस्थित रहे।

समापन सत्र से पूर्व डॉ.नागरत्ना ने स्वस्थ जीवन शैली पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि खानपान, व्यायाम, तनाव पर ध्यान देना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित शोध पत्रों के आधार पर बताया कि प्रत्येक बीमारी को एक पैथी से ठीक नहीं किया जा सकता। इसके लिए होलिस्टिक एप्रोच अपनाने की जरूरत है। उनके अनुसार योग के द्वारा व्यक्ति के गुणधर्म स्तर तक परिवर्तन किया जा सकता है। कार्यक्रम में डॉ. मंजूषा कुलकर्णी ने रक्तकोष श्रृंखला उपलब्धियां और अभय माटे ने अर्थकारण, उसकी रचना व अपेक्षा, पर विचार व्यक्त किए। आभार प्रदर्शन मुकेश मोड द्वारा किया गया।

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