हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

  
Last Updated:  February 21, 2024 " 08:06 pm"

अन्य दो आरोपी भी 1-1वर्ष की सजा से दंडित।

अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र का था मामला।

इंदौर : लडकी को चांटा मारने की बात को लेकर बात करने गए पिता को जान से मारने वाले आरोपी को अदालत ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है। अन्‍य दो आरोपियों को भी 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी गई है।

मीडिया सेल प्रभारी अभिषेक जैन ने बताया कि न्‍यायालय – सत्रहवें अपर सत्र न्‍यायाधीश सुधीर मिश्रा, ने थाना अन्‍नपूर्णा, जिला इन्‍दौर के अपराध क्रमांक 424/2020 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी रामदास शिन्‍दे (पारधी), उम्र 63 वर्ष, निवासी जिला इंदौर को धारा 304 भाग 1 भादवि में 10 वर्ष सश्रम कारावास और कुल 5000/- रुपये के अर्थदण्ड तथा आरोपी शिवदास पंवार एवं दीपक पंवार को धारा 323 भादवि में 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्‍तव एवं सहयोगी एडीपीओ करूणा अशापुरे द्वारा की गई।

ये था मामला :-

दिनांक 21.11.2020 को रात्रि 02:38 बजे, पुलिस थाना अन्नपूर्णा इंदौर पर शिकायतकर्ता हरीश कोचले पिता प्रकाश कोचले ने उपस्थित होकर इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वह फ्लेट नंबर 106, सिद्धार्थ नगर मल्टी, इंदौर में रहता है। दिनांक 20.11.2020 को रात्रि करीब 08.30 बजे उसकी बहन नंदनी को रामदास ने मल्टी के चढ़ाव पर ऊपर-नीचे उतरने की बात पर चांटा मार दिया था, उसी रात करीब 12:30 बजे उसके पिता प्रकाश इसी बात को लेकर रामदास से मल्टी के सामने बात कर रहे थे, तो रामदास उसके पिता के साथ गाली-गलौच व मारपीट करने लगा। इस दौरान वहां शिवदास पंवार (पारधी) व उसका पुत्र दीपक भी आ गया। तीनों एकमत होकर उसके पिता की हत्या करने के आशय से लात-घूसों व डण्डे से मारपीट करने लगे, तभी रामदास ने उसके पिता को जान से मारने की नियत से पेट के पास चाकू मारे जिससे प्रकाश को चोट लगकर खून निकलने लगा एवं वह जमीन पर गिर पड़े। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उक्त शिकायत के आधार पर आरोपीगण के विरूद्ध अपराध कमांक 424/2020, धारा 302, 294/34 भा.द.सं.का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया, अनुसंधान पूर्ण कर अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्‍यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्‍तगण को उक्‍त दण्‍ड से दण्डित किया गया।

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