महाराष्ट्र के रत्नागिरी और देवगढ़ के 23 से अधिक आम उत्पादक किसान कर रहे मैंगो जत्रा में शिरकत।
पहले ही दिन मैंगो जत्रा में उमड़ी आम के शौकीनों की भीड़।
इंदौर : हापुस आम को आमों का राजा कहलाने का श्रेय जाता है। हापुस की असल पैदावार महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में खासतौर पर रत्नागिरी व सिंधुदुर्ग जिले के देवगढ़ में होती है। इसके स्वाद से इंदौरियों को रूबरू कराने के लिए मराठी सोशल ग्रुप बीते कई वर्षों से मेंगो जत्रा का आयोजन करता आ रहा है। इसी कड़ी में ग्रामीण हाट बाजार, ढक्कन वाला कुआ, साउथ तुकोगंज पर आयोजित तीन दिवसीय ‘मैंगो जत्रा’ का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ।
संस्था के सुधीर दांडेकर एवं राजेश शाह ने बताया कि मेंगो जत्रा के शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ उद्योगपति एवं समाजसेवी निरंजन भाई देसाई और उद्यमी निधि पमनानी थे। जत्रा में रत्नागिरी व देवगढ़ के 23 से अधिक आम उत्पादकों ने अपने स्टॉल लगाए हैं।
पहले ही दिन मैंगो जत्रा को मिला जोरदार प्रतिसाद।
मैंगो जत्रा को पहले ही दिन आम के शौकीनों का जोरदार प्रतिसाद मिला। सुबह से ही हापुस आम का स्वाद लेने और उनकी खरीददारी करने लोग जत्रा स्थल पर पहुंचने लगे थे। उन्होंने पहले आम के राजा हापुस का स्वाद चखा और घर ले जाने के लिए दर्जनों से आम खरीदे भी। हापुस आम खरीदे भी। शाम को तो बड़ी संख्या में आम के शौकीन यहां पहुंचे। आयोजकों के अनुसार पहले ही दिन तकरीबन 12 हजार दर्जन आम खरीदे गए।
शुभारंभ समारोह में अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी निरंजन भाई देसाई ने कहा कि फलों का राजा है आम। यह फल गर्मी में बहुत ठंडक देता है। हापुस आम अपनी गुणवत्ता और स्वाद के चलते देश भर में प्रसिद्ध है। मैंगो जत्रा में इंदौरियो को एक ही जगह पर हापुस आम की कई वैरायटी का स्वाद लेने और खरीददारी का मौका मिलेगा।
आम उत्पादकों को मार्केट उपलब्ध कराता है मैंगो जत्रा।
उद्यमी निधि पमनानी ने कहा कि मेंगो जत्रा उत्पादकों को लाभ पहुचाने के साथ ही एक नया मार्केट उपलब्ध करा रहा है। पारिवारिक माहौल में इतने व्यवस्थित आयोजन की जितनी तारीफ की जाए कम है। कार्यक्रम का संचालन एवँ आभार हर्षवर्धन लिखिते ने किया।
अपने स्वाद और गुणवत्ता के चलते अलग पहचान रखता है हापुस आम।
मैंगो जत्रा में विशेष तौर पर शिरकत करने आए अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त प्राकृतिक चिकित्सक और जल वैज्ञानिक डॉ. मेल्कीसदेक देवशिखामणी ने हापुस आम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हापुस आम को कई कारणों से अन्य आमों से बेहतर माना जाता है। यह आम अपने विशेष स्वाद, मिठास और जूसी भरपूरता के लिए प्रसिद्ध है। इसका रंग और गंध भी अन्य आमों से अलग होती है। हापुस आम में पोषण की मात्रा अच्छी होती है, जो इसे स्वास्थ्य के लिए अधिक उपयोगी बनाता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा में होता है हापुस का उपयोग।
डॉ. देवशिखामणी ने बताया कि वे घुटने के मरीज़ों को लगभग 700 से 800 ग्राम हापुस आम कम से कम सात दिन तक सेवन करवाते हैं। कई घुटने के मरीज़ों में इसका अच्छा प्रभाव देखने को मिला है। जिन लोगों को आँखों की रोशनी बढ़ानी हों या जिनके दांत हिलते हो वे भी इसका सेवन करें तो लाभ होता है।
हापुस पाचन ठीक करने के साथ ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखता है।
उन्होंने बताया कि हापुस आम में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को ठीक करके वजन नियंत्रण में मदद करता है। इसके सेवन से ब्लडप्रेशर नियंत्रित रहता है और हृदय को स्वस्थ्य बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा, इसमें मौजूद फोलेट महिलाओं के गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण होता है।
पोशाक तत्वों से भरपूर होता है हापुस।
कोकण के रत्नागिरी और देवगढ़ का हापुस आम पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। यह विटामिन C, विटामिन A, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फाइबर, और फोलेट जैसे पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होता है।
मराठी व्यंजनों का भी ले सकते हैं लुत्फ।
आयोजन से जुड़ी श्रीमती तृप्ति महाजन और सुमेधा बावकर ने बताया कि मराठी व्यंजन व इंदौरी चाट चौपाटी का भी मैंगो जत्रा में समावेश किया गया है। मराठी व्यंजन जैसे वड़ा पाव,झूणका भाकर ठेचा, अप्पे, श्रीखंड पूरी,मैंगो मस्तानी, अनारसे आदि के साथ इसके अलावा इंदौरी चाट का लुत्फ भी यहां लिया जा सकता है।
दर्शन जागीरदार ने बताया कि रोजमर्रा के आइटम्स जैसे सुपारी चूर्ण, अचार, शर्बत, हर्बल औषधि, लकड़ी के खिलौने, किचन वेयर, हर्बल पेस्ट कंट्रोल, कटलरी सामान के स्टॉल्स भी यहां लगाए गए हैं।
सुधीर दांडेकर एवं राजेश शाह ने बताया कि मैंगो जत्रा का समय 19 मई तक प्रतिदिन सुबह 09 बजे से रात 10 बजे तक रहेगा। लोग इस अवधि में आकर हापुस आम का स्वाद लेने के साथ खरीददारी भी कर सकते हैं।