नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने का ऐलान किया। उनके द्वारा पेश किए गए प्लान के मुताबिक पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय किया जाएगा। विलय के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। इसीतरह केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक और आंध्रा व कारपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय होगा। बैंकों के इस मर्जर के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी।
विलय से नहीं जाएगी किसी की नौकरी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि बैंकों के विलय से किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी। किसी तरह की छटनी नहीं होगी। बैंकिग सेक्टर को मजबूत करने पर सरकार का फोकस है। 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। 8 सरकारी बैंकों ने रीपो रेट लिंक्ड लोन लॉन्च किया है। कर्ज बॉटने में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है।
वित्तमंत्री ने दावा किया कि बैंकों के एनपीए में कमीं आई है। रिकॉर्ड रिकवरी हुई है और 18 में से 14 सरकारी बैंक मुनाफे में आ गए हैं।
पहले भी हुआ था बैंकों का विलय।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में एसबीआई में उसके सहयोगी बैंकों का विलय किया गया था। इसके अलावा इसी वर्ष बड़ौदा बैंक में विजया और देना बैंक का विलय हुआ था।