इंदौर:- संस्था श्रुति संवाद के बैनर तले अमर पार्श्व गायक मोहम्मद रफी की याद में उन्हीं के गाए गीतों की महफ़िल सजाई गई। इंदौर प्रेस क्लब के राजेन्द्र माथुर सभागार में संजोई गई इस महफ़िल के मुख्य स्वर थे संतोष अग्निहोत्री। वे मूल रूप गजल गायन में अपनी पहचान रखते हैं लेकिन इससे आगे बढ़कर हर तरह के गीत गाने का सिलसिला अब उन्होंने शुरू किया है। कार्यक्रम का आगाज संतोष जी ने अहसान तेरा होगा मुझपर से किया। इसके बाद एक शहंशाह ने बनाया हसीं ताजमहल को उसी अंदाज में पेश किया। धीरे- धीरे महफ़िल का रंग जमने लगा और सुरीले नगमों की फुहारें श्रोताओं के तन- मन को भिगोती रही। कोई सागर दिल को बहलाता नहीं, कभी खुद पे, कभी हालात पे रोना आया, छलके तेरी आँखों से शराब और भी ज्यादा, तेरी गलियों में न रखेंगे कदम आज के बाद जैसे कई सदाबहार गीतों को संतोष अग्निहोत्री ने शिद्दत के साथ पेश किया। रफी के गाए लगभग हर मूड के गीतों का समावेश उन्होंने अपने कार्यक्रम में किया। अहम बात ये रही कि संतोष जी ने अकेले ही सारे गीत गाए। कोई सहयोगी गायक उनके साथ नहीं था। बावजूद इसके किसी भी गीत में उनका एनर्जी लेवल कम नहीं रहा। संचालन निमेष भंसाली ने किया।
रफी को सुरमयी गीतों से किया गया याद
Last Updated: July 30, 2019 " 08:45 am"
Facebook Comments