इंदौर: जिला न्यायालय में वकालत करने वाले अभिभाषकों ने मंगलवार (11अगस्त) को न्यायालय परिसर के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। वे कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय से बंद जिला न्यायालय को खोलने की मांग कर रहे थे। हालांकि प्रदर्शन में गिनती के ही अभिभाषक शामिल हुए। जिला अभिभाषक संघ का कोई पदाधिकारी प्रदर्शन में नजर नहीं आया। वरिष्ठ अभिभाषक अमर सिंह राठौर और धमेंद्र गुर्जर प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे।
लोकतंत्र के अन्य स्तंभ खुले तो न्यायालय क्यों नहीं..?
प्रदर्शनकारी अभिभाषकों का कहना था कि बीते लगभग साढ़े चार माह से जिला न्यायालय बन्द है। लोकतंत्र के तीन स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका और प्रेस खुले हैं तो न्यायपालिका ही बन्द क्यों है..? उनका ये भी कहना था कि भोपाल, उज्जैन आदि स्थानों पर निचली अदालतों में कामकाज की अनुमति दे दी गई है तो इंदौर में जिला न्यायालय खोलने से परहेज क्यों किया जा रहा है।
लोग न्याय से हो रहे हैं वंचित..
श्री राठौर व गुर्जर का कहना था कि करीब साढ़े चार माह से जिला न्यायालय बन्द है। अभिभाषकों के समक्ष रोजी- रोटी की समस्या खड़ी हो गई है वहीं पक्षकार भी न्याय से वंचित हो रहे हैं। उनका कहना था कि न्यायालय बन्द होने से लाखों केस पेंडिंग हो गए हैं जिनके निपटारे में ही साल- दो साल लग जाएंगे। इसके अलावा अपराधों के घटित होने में भी कोई कमीं नहीं आई है।ऐसे में पीड़ित न्याय मांगने कहां जाएंगे ये भी बड़ा सवाल है।