इंदौर : विभिन्न वायरस विशेषकर कोरोना के नये स्वरूप का अब इंदौर में ही पता चल सकेगा। इसके लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग की प्रयोगशाला स्थापित होने जा रही है। इसके लिए जरूरी मशीन और उपकरण जल्द स्थापित किए जाएंगे। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने इस हेतु टेंडर प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
तीसरी लहर के मद्देनजर संभावित तैयारियों की समीक्षा की।
संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने संभाग स्तरीय बैठक में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर विभिन्न तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित सहित मेडिकल कॉलेज से जुड़े विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संभाग के जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित थे। बैठक में संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर विशेषज्ञों से कोरोना वायरस के स्वरूप के संबंध में चर्चा की। चर्चा के दौरान बताया गया कि अभी विभिन्न स्तरों पर इसका अध्ययन हो रहा है। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए कि आगामी बैठक में अध्ययन रिपोर्ट विस्तार से प्रस्तुत की जाए, जिससे समय रहते उससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां की जा सके। बैठक में बताया गया कि इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग की प्रयोगशाला बनाई जाना है। इसके लिये नई मशीन और उपकरणों की आवश्यकता है। डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए कि मशीन और उपकरण की खरीदी की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करें। टेंडर प्रक्रिया तुरन्त प्रारंभ करें। यह प्रयोगशाला बन जाने से अब इंदौर में ही कोरोना के नये वेरिएंट का पता चल सकेगा। बैठक में बताया गया कि निजी क्षेत्र में भी इस तरह की प्रयोगशाला जल्द इंदौर में शुरू होने वाली है। डॉ. शर्मा ने संभाग के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि तीसरी लहर के आशंका के चलते गर्भवती माताओं, नवजात शिशुओं, बच्चों आदि के कोरोना संबंधी उपचार के लिए डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाए। बताया गया कि अधिकांश जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हो गए हैं।