सिमी से जुड़े दो आरोपियों को तीन- तीन वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सुनाई गई सजा

  
Last Updated:  January 4, 2022 " 08:49 pm"

इंदौर : प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े आरोपियों को अदालत ने 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास और 5000-5000 रूपए के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया है ।

जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्‍तव ने बताया कि तीन जनवरी को न्‍यायालय- श्रीमान हीरालाल सिसौदिया, न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट, प्रथम श्रेणी, जिला इंदौर के न्‍यायालय ने प्रकरण क्रमांक 3728218/2009, में निर्णय पारित करते हुए आरोपी (1) मो. यूनुस पिता मो. साबिर निवासी बेगम बाग कॉलोनी, उज्‍जैन वर्तमान पता- मदीना नगर, आजाद नगर मस्जिद के पीछे, संयोगितागंज, जिला इंदौर और (2) मो. शफीक पिता अब्‍दुल बारी निवासी- 78, फाजलपुरा उज्‍जैन वर्तमान पता पुल बोगदा मुक्‍कदस नगर, म.न. 25 भोपाल (मप्र) को दोषी पाते हुए धारा 153 ए भादवि में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रूपये के अर्थदण्‍ड, धारा 153 बी भादवि में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रूपए अर्थदण्‍ड, विधि विरूद्ध क्रियाकलाप संशोधन अधिनियम 2004 की धारा 10 में 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रूपये अर्थदण्‍ड, विधि विरूद्ध क्रियाकलाप संशोधन अधिनियम 2004 की धारा 13 में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रूपए अर्थदण्‍ड और धारा 143 भादवि में 06-06 माह के साधारण कारावास एवं 1000-1000 रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुरेन्‍द्र सिंह वास्‍केल द्वारा की गई। ।
अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुरेन्‍द्र सिंह वास्‍केल ने पैरवी की।

ये था मामला।

अभियोजन घटना अनुसार दिनांक 20.10.2009 को शाम 7 बजकर 40 मिनट पर ईरान वाले बाबा की मजार के पीछे स्थित रोड पर अभियुक्तों द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर विधि विरूद्ध जमाव का गठन करने के उद्देश्‍य से दो सम्‍प्रदायों के मध्‍य वैमनस्‍यता फैलाना तथा भारत राष्‍ट्र की एकता एवं अखण्‍डता को खण्डित करना तथा आतंक फैलाना के उद्देश्‍य से अग्रसर होकर आतंक का प्रचार प्रसार करने एवं बोले गए शब्‍दों व लिखे गये दस्‍तावेजों के माध्‍यम से धर्म, जाति के आधार पर दो सम्‍प्रदायों के मध्‍य दुश्‍मनी बढाने, शांति व्‍यवस्‍था को खतरा उत्‍पन्‍न करने का कार्य किया जा रहा था। सूचना प्राप्‍त होने पर एंटी टेररिस्‍ट स्‍क्‍वाड यूनिट इंदौर में पदस्‍थ उनि चंद्रशेखर वाघ मौके पर पहॅूचे थे । उनकी रिपोर्ट पर से अभियुक्‍तगण के विरूद्ध धारा 141,143,149,153ए,153बी भा.द.सं. तथा विधि विरूद्ध क्रियाकलाप संशोधन अधिनियम 2004 की धारा 10 एवं 13 का अपराध पंजीबद्ध किया गया। सम्‍पूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्‍यायालय में पेश किया गया । जिस पर से आरोपीगण को उक्‍त सजा सुनाई गई ।

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