इंदौर-महू के 151 यात्रियों ने की र बावनग़ज़ा सिद्ध क्षेत्र की वंदना, मुनि श्री के सानिध्य में किया विधान।
इंदौर। तन की बीमारी का इलाज है लेकिन मन की बीमारी का इलाज सिर्फ़ आत्म विश्वास से ही हो सकता है। याद रखना कभी भी तन की बीमारी को मन में हावी मत होने देना। तन त्रस्त हो तो दिक्कत नहीं, लेकिन अपने मन को हमेशा मस्त रखना।
ये बात मुनि श्री 108 संधान सागर जी महाराज ने बावनग़ज़ा सिद्ध क्षेत्र में रविवार को कही। इस सिद्ध क्षेत्र की इंदौर-महू के 151 श्रद्धालुओं ने वंदना की है। संयोजक राहुल निधि जैन और राहुल सेठी ने बताया की महाराज जी के सानिध्य में 48 दिवसीय भक्तामर मंडल विधान चल रहा है। मुनिश्री ने कहा की आशावादी बनो, निराशावादी नहीं। हमेशा सकारात्मक सोचना, इससे सभी बीमारी दूर होगी। सकारात्मक सोच आपके घर को स्वर्ग बना सकती है और नकारात्मक सोच घर को नरक बना सकती है।
इस अवसर पर सोधर्म इंद्र बन कर अभिषेक करने का सोभाग्य विमला देवी बिलाला और तेजकुमार, राहुल, अंकित सेठी परिवार को मिला। शाम को आचार्य भक्ति, भजन संध्या और आरती की गई। प्रमुख रूप से यात्रा में यात्रा के पूर्णयारजक मुकेश पाटोदी परिवार का सम्मान किया गया। इस अवसर पर अश्विन दोषी, संजय पाटोदी, अशोक पाटोदी, दिलीप पापलिया सहित अन्य समाजसेवी उपस्थित थे।