गुरुदेव रविशंकर ने टीबी जागरूकता को लेकर ऑनलाइन कार्यक्रम में की अपील।
टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें उचित पोषण आहार प्रदान करें।
इंदौर : CETI, AAPI, NTEP एवं आर्ट ऑफ़ लीविंग के संयुक्त तत्वावधान में टीबी निर्मूलन के संबंध में आयोजित वर्चुअल सेमिनार में श्री श्री रविशंकर ने टीबी को जड़ मूल से खत्म करने को लेकर अपने विचार रखे।
उन्होंने अपने उद्बोधन में सभी टीबी कर्मचारियों के अथक प्रयास की सराहना की और जनता से आग्रह किया वो टीबी को लेकर जागरूक रहे। उन्होंने टीबी मरीजों की उचित देखभाल और समुचित आहार पर ज़ोर दिया। उन्होंने भारत में मौजूदा टीबी की स्थिति को देखते हुए कहा कि लोग इस बीमारी से डरे नहीं बल्कि इसका डटकर सामना करें। सबसे अपनी बीमारी के बारे में बात करें ताकि समय रहते इस बीमारी को दूर किया जा सके।
उन्होंने युवा पीढ़ी एवं टीबी मरीज के परिवार में जो युवा साथी हैं उनसे अनुरोध किया कि नयी पीढ़ी सामने आए और अपने परिवार को बचाने का दायित्व वहन करें।
समर्थ लोग आगे आकर निक्षय मित्र योजना का हिस्सा बनें।
गुरुदेव ने व्यवसायियों, चिकित्सकों, उद्यमियों एवं आर्थिक रूप से संपन्न लोगों से आग्रह किया कि वे सरकार की निक्षय मित्र योजना का हिस्सा बनकर, टीबी मरीजों को गोद लें और उन्हें उचित पोषण आहार प्रदान करें, ताकि मरीज पर टीबी की दवाई पूर्ण तरीके से असर कर सके।
टीबी निर्मूलन के किए जा रहे गंभीर प्रयास।
डॉ मनोज जैन को फाउंडर CETI ने टीबी मुक्त भारत की परिकल्पना पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार एवं सेंट्रल टीबी डिवीज़न देश को टीबी मुक्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। कई तरह के नए प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा की NTEP के कर्मचारी बहुत मेहनत कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि सब लोग एक साथ आकर टीबी को भगाने के लिए एकजुट हो जाएं ताकि जैसे पोलियों की बीमारी को इस देश से भगाया था उसी तरह से टीबी का नामोनिशान भी मिटा दिया जाए।
डॉ. मनसुख मंडाविया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भारत सरकार ने कहा कि मई 2018 में प्रधानमंत्री ने टीबी को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने की घोषणा की थी। अतिथियों को बताया था कि भारत एक अकेला देश है जहाँ पूरे विश्व के एक चौथाई टीबी मरीज हैं। इसके अलावा कुपोषण, अशिक्षा, अन्धविश्वास जैसी कई समस्याएं है जो भारत के सामने एक चुनौती बनकर खड़ी हैं। इनसे लड़ते हुए सबको एक जुट होकर देश को टीबी मुक्त करने की आवश्यकता है, उन्होंने ख़ुशी जताई की सितम्बर 2022 के राष्टप्रति के टीबी मुक्त भारत के आह्वान के बाद कई लोग आगे आकर टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
कार्यक्रम में डॉ. आरपी जोशी DDG TB, CTD ने टीबी के मरीजों से आह्वान किया कि टीबी का इलाज बहुत कारगर है। अत: वे अपना इलाज ज़रूर पूरा करवाएं, अन्धविश्वास से दूर रहे एवं अपनी बीमारी के विषय में सबसे बात करें।
कार्यक्रम का संचालन CETI के कोर्स डायरेक्टर कमोडोर रमन अरोरा ने किया। आभार डॉ. सलिल भार्गव को फाउंडर CETI ने माना।