पूरे समय जय जय रघुवीर समर्थ और श्री राम जय राम, जय जय राम करते रहे दर्शक।
सानंद न्यास के पांच दर्शक समूहों के लिए किया गया फिल्म का प्रदर्शन।
इंदौर : सानंद न्यास के पाँच दर्शक समूहों के लिये रविवार को मराठी चित्रपट ‘रघुवीर’ का प्रदर्शन स्थानीय देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागृह, खंडवा रोड पर किया गया।
सानंद न्यास के अध्यक्ष जयंत भिसे एवं मानद् सचिव संजीव वावीकर ने बताया कि मराठी चित्रपट ”रघुवीर” छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु राष्ट्रसंत समर्थ रामदास के जीवन पर आधारित है। समर्थ रामदास “मनाचे श्लोक” और विभिन्न आरतियों के माध्यम से घर – घर जाने जाते हैं।
निर्माता अभिनव पाठक की समर्थ रामदास पर फिल्म बनाने की इच्छा थी जिसे उन्होंने साकार रूप देकर दर्शकों तक पहुंचाया।
संत परंपरा में, संत (समर्थ) रामदास और संत नामदेव जैसे संतों का कार्य इस कारण से अलग है कि वे लगातार भ्रमण करने वाले संत थे। हनुमान को सामने रखकर बल उपासना (आज की जिम जैसी नहीं) करने से अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए समाज का आत्मविश्वास जागृत होगा, यह कल्पना करना ही कितना विशेष है! इसमें ही संत रामदास, संत ज्ञानेश्वर और बाल शिवाजी का महत्व है कि इतनी कम उम्र में उनमें दिव्यत्व की समझ थी। सनातन हिंदू धर्म के पुनरुत्थान के लिए आदि शंकराचार्य ने देश के चार भागों में जो मठ स्थापित किए, उसी तर्ज पर समर्थ ने विभिन्न स्थानों पर हनुमान की उपासना के लिए मठ स्थापित किए, इसके पीछे धर्मरक्षा की भावना पैदा करने का उद्देश्य प्रमुख था।
फिल्म की पटकथा अभिराम भडकमकर ने लिखी है। ऋतुजा देशमुख और विक्रम गायकवाड़ ने फिल्म में प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। खासकर समर्थ रामदास की भूमिका में विक्रम गायकवाड़ ने कमाल किया है। अजित परब का संगीत और मंदार चोळकर के गीतों से सज्जित यह फिल्म समर्थ रामदास के समाज और राष्ट्र के प्रति चिंता और चिंतन को बखूबी व्यक्त करती है। रवींद्र साठे ने गीतों को स्वर दिया है। सानंद के दर्शकों ने फिल्म को उत्साह के साथ देखा और सराहा।