इंदौर : नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर किये जा रहे भ्रामक प्रचार की असलियत को उजागर कर सच्चाई से लोगों को अवगत कराने के लिए बीजेपी भी अब मैदान में उतर आई है। इसी कड़ी में शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने स्थानीय पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता आयोजित कर नागरिकता कानून के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की।
राजनैतिक साजिश के तहत फैलाई गई भ्रांति।
कैलाशजी ने जोर देकर कहा कि नागरिकता संशोधन कानून धार्मिक आधार पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित होकर भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, वामपंथी और कुछ अन्य विपक्षी दल राजनैतिक साजिश के तहत भ्रांति फैलाकर समुदाय विशेष के लोगों को भड़काकर अराजकता का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लोग अब जागरूक हो रहे हैं और वे नागरिकता कानून की सच्चाई को समझकर इसका समर्थन कर रहे हैं।
राज्यों को नागरिकता कानून रोकने का हक नहीं।
कैलाश विजयवर्गीय ने संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकारों को नागरिकता कानून लागू होने से रोकने का हक नहीं है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल शासित राज्य सरकारें ऐसा कर असंवैधानिक काम कर रही है। केंद्र सरकार चाहे तो बिना राज्य सरकारों की मदद के भी इसे लागू कर सकती है।
एनआरसी लाने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं।
कैलाशजी ने एनआरसी को लेकर भी केंद्र सरकार और बीजेपी की ओर से साफ किया कि देश में एनआरसी लागू करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरसी का प्रावधान 1985 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी द्वारा किये गए असम समझौते में है। कांग्रेस उस समझौते को लागू करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसकी निगरानी में असम में एनआरसी प्रक्रिया शुरू की गई। उससमय मोदीजी पीएम नहीं बने थे। कैलाशजी ने कहा कि एनआरसी सिर्फ असम में लागू है। देशभर में इसे लागू करने का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
एनपीआर का एनआरसी से कोई सम्बन्ध नहीं।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाशजी ने दृढ़तापूर्वक कहा कि एनपीआर हर 10 वर्ष में होनेवाली प्रक्रिया है। कांग्रेस के जमाने में ही ये शुरू हुई। इसके जरिये जो डेटा सरकार को मिलता है उसी के आधार पर सरकार कल्याणकारी योजनाएं बनाती है ताकि जरूरतमंद लोगों को उनका लाभ मिल सके। कैलाशजी ने एनपीआर और एनआरसी का घालमेल कर लोगों को गुमराह करने का आरोप भी कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर लगाया।
कैलाशजी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हर गलतफहमी को दूर करने का प्रयास किया। पत्रकार वार्ता में सांसद शंकर लालवानी, शहर अध्यक्ष गोपी नेमा, विधायक रमेश मेंदोला और अन्य पार्टी नेता मौजूद रहे।