कहता है दिल….( अतीत के झरोखे से)
🔸 नरेंद्र भाले 🔸
17/12/2018
बड़ी देर कर दी मेहरबां आते-आते। आखिर सात बार फायनल खिताब हारने के पश्चात भारत की शटलर पी.वी. सिंधू ने World टूर फायनल में गत विश्व चैम्पियन नोजोमी ओकुहारा को सीधे सेटों में शिकस्त देकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष में अपना शटल सफलता पूर्वक लांच कर ही दिया।
भारत में चंद नाम ही ऐसे हैं, जिन्होंने विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ी हैं। प्रकाश पदुकोण, पुलैला गोपीचंद, साइना नेहवाल, धार के वर्मा बंधुओं ने समय-समय पर खिताबी दस्तक दी है। जहां तक सिंधु का सवाल है 2018 में विश्व चैम्पियनशिप, एशियन गेम्स, कामनवेल्थ गेम्स, थाईलैंड ओपन और इंडिया ओपन में उसे रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था। विश्व सुपर सीरिज के फायनल में वह 2011 में पहुंची थी।
इस बार अहम मौकों पर उसने धैर्य कतई नहीं खोया तथा अच्छे ड्रॉप शॉट्स का अचूक इस्तेमाल कर अपनी बढ़त बनाएं रखी और ओकुहारा को वापसी का मौका ही नहीं दिया। सिंधु का फुटवर्क देखते ही बनता था।सिंधु की इस यादगार जीत का यह आलम रहा कि आंखों से टपकते खुशी के आंसुओं के बीच उसने कहा कि इस सत्र का अंत यादगार रहा और अब कोई भी मुझसे सवाल नहीं करेगा कि आखिर क्यूं मैं बार-बार फायनल में हार जाती हूं। यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसके पूर्व कोई भी भारतीय खिलाड़ी World टूर फायनल का खिताब नहीं जीत पाया। वर्तमान में इसी साल से World टूर फायनल्स का नाम बीडब्ल्यू एफ World टूर फायनल हो गया है। खैर अंत भला तो सब भला। कुल जमा सिंधु के पास अब तक 14 खिताब हो चुके हैं।
उधर पर्थ में विराट कोहली ने अंततराष्ट्रीय, क्रिकेट में 63वां शतक ठोक कर नया इतिहास रच दिया है। आॅस्ट्रेलिया में विराट का यह छठा शतक है तथा उन्होंने सचिन तेंदुलकर की बराबरी कर ली। खैर हमारी सोन चिरय्या का नेट पर फुदकरना सभी को लुभा गया।