इंदौर: कला- संस्कृति की नगरी इंदौर में भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2076 का स्वागत उत्साह के साथ किया गया। इस मौके पर पारंपरिक वेशभूषा धारण कर शहर के बाशिंदों ने उगते सूरज को जल चढ़ाकर नए साल की अगवानी की। गुड़- धनिया बांटकर लोगों ने एक- दूसरे को नए वर्ष की शुभकामनाएं दी। इसी के साथ शोभायात्राएं निकाली गई और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए। नए साल का पहला दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ीपड़वा के रूप में भी मनाया जाता है। इसके चलते घरों और सार्वजनिक स्थानों पर गुड़ी सजाकर पूजन किया गया और घर- परिवार, समाज व देश में खुशहाली की कामना की गई। आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने से माता मंदिरों में भी दर्शन- पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
राजवाड़ा, बड़ा गणपति और चाणक्यपुरी चौराहे पर हुए आयोजन।
राजवाड़ा पर लोक संस्कृति मंच, संस्कार भारती और नगर निगम के संयुक्त आयोजन में मंत्रोच्चार के बीच उगते सूरज को अर्ध्य दिया गया। कार्यक्रम में संत- महात्माओं के साथ लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, महापौर मालिनी गौड़, विधायक आकाश विजयवर्गीय, लोक संस्कृति मंच के शंकर ललवानी, कृष्णमुरारी मोघे और अन्य विशिष्टजनों ने शिरकत की। सूरज को जल चढ़ाने के बाद गुड़ी पूजन किया गया और गुड़- धनिया वितरित कर नए साल की शुभकामनाएं दी गई। बड़ा गणपति चौराहे पर आयोजित संस्था सार्थक व हिन्दू नववर्ष समिति के कार्यक्रम में रागिनी मक्खर के ग्रुप ने शास्त्रीय नृत्य की बानगी पेश की। इसी के साथ चाणक्यपुरी, पाटनीपुरा और बंगाली चौराहे पर भी नए साल का स्वागत हर्षोल्लास के साथ किया गया।
कांग्रेसियों ने भी मनाया नया साल।
नववर्ष और गुड़ीपड़वा के मौके पर कांग्रेसियों ने भी गुड़- धनिये का वितरण कर लोगों को शुभकामनाएं दी। रीगल तिराहे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 30 फ़ीट से भी ऊंची गुड़ी सजाकर उसका पूजन किया और लोगों में गुड़- धनिये का वितरण किया।
घर- घर सजाई गई गुड़ी।
गुड़ीपड़वा के मौके पर खासकर मराठी भाषी परिवारों में गुड़ी सजाकर पूजन किया गया। पर्व की खुशियां घर- घर में श्रीखंड बनाकर और खिलाकर मनाई गई।
माता मंदिरों में उमड़ी भीड़।
चैत्र नवरात्रि की भी आज से शुरुआत होने से देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। कई लोग नवरात्रि के दौरान उपवास रखते हुए माता की आराधना करेंगे।