पित्रोदा के बयान से खफा सिख समाज ने कांग्रेस को वोट नहीं देने का किया ऐलान

  
Last Updated:  May 11, 2019 " 08:46 am"

इंदौर: राहुल गांधी के सलाहकार और गांधी परिवार के करीबी सैम पित्रोदा का 1984 के दंगों को लेकर दिया गया बयान कांग्रेस के गले की हड्डी बन गया है। सिख समाज मे उनके बयान को लेकर भारी रोष है। हालांकि पित्रोदा ने अपनी हिंदी अच्छी नहीं होने की बात कहकर खेद जता दिया है पर सिख समुदाय इससे संतुष्ट नहीं है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से माफी की मांग कर रहे हैं। शनिवार को इंदौर के सिख समाज ने भी काली पट्टी बांधकर पित्रोदा के बयान पर विरोध जताया।

कांग्रेस और पित्रोदा के खिलाफ लगाए नारे।

एमजी रोड स्थित लाल गुरुद्वारे पर गुरूसिंघ सभा सहित शहर के तमाम गुरुद्वारों के पदाधिकारी और सिख समाज के लोग एकत्रित हुए। उन्होंने अरदास में भाग लेने के बाद काली पट्टी बांधी और गुरुद्वारे के बाहर आकर प्रदर्शन किया। कुछ लोग काली पगड़ी बांधकर भी आए थे। प्रदर्शनकारियों में कई युवा भी शामिल थे। उन्होंने सैम पित्रोदा और कांग्रेस के खिलाफ जमकर नारेबाजों की। कहना था कि 1984 में सिखों के कत्लेआम के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार थी। उसके नेता अब भी बयानबाजी कर उनके जख्म कुरेद रहे हैं।

माफी मांगे अन्यथा कांग्रेस का बहिष्कार करेंगे।

प्रदर्शनकारी सिखों की अगुवाई कर रहे गुरूसिंघ सभा के अध्यक्ष रिंकू भाटिया ने कहा 84 के दंगों पर बयानबाजी करके कांग्रेस के नेता उनके जख्मों पर नामक छिड़क रहे हैं। देशभर में 12 हजार निर्दोष सिखों का कत्लेआम किया गया लेकिन आजतक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिल पाया है। कांग्रेस का ये चरित्र रहा है। दिवंगत राजीव गांधी ने भी सिखों के कत्लेआम पर बयान दिया था कि ” जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है, धरती हिलती है।” सैम पित्रोदा उन्ही के करीबी रहे हैं। अब उन्होंने सिखों के खिलाफ बयान देकर उनके जख्मों को हरा कर दिया है। सिख समुदाय की मांग है कि सोनिया और राहुल गांधी, पित्रोदा के बयान पर माफी मांगे अन्यथा सिख समाज चुनाव में कांग्रेस का बहिष्कार करेगा और उसे वोट नहों देगा।
प्रदर्शन में रिंकू भाटिया के अलावा जसबीर सिंह गांधी, बलविंदर कलसी, गुलविंदर सिंह कित्ता, हरप्रीत सिंह बख्शी, गुरदीप सिंह भाटिया, नरेंद्र सिंह नारंग, बलदेव सिंह चावला, निर्मल सिंह, दारासिंह सलूजा, अजीत सिंह, सन्नी टुटेजा और सोनू बग्गा सहित बड़ी संख्या में सिख भाई मौजूद रहे।

पोस्टर ने खींचा ध्यान।

एमजी रोड गुरुद्वारे के बाहर खंभे पर 84 के दंगों से जुड़ा पोस्टर सबका ध्यान आकर्षित कर रहा था। पोस्टर में 84 के दंगों की भयावहता दर्शाने के साथ सिखों के खिलाफ बयानबाजी पर रोष जताया गया था। पोस्टर के जरिये कांग्रेस से सिख व हिंदुओं से माफी की मांग भी की गई थी।

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