इंदौर: 17 वी लोकसभा की निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न हो गई है। निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति को नवनिर्वाचित सांसदों की सूची सौप दी है। 30 मई को नरेंद्र मोदी के दुबारा पीएम पद की शपथ लेने के साथ ही नई सरकार भी अस्तित्व में आ जाएगी। 5 जून से नई लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने की बात कही जा रही है।
233 सांसदों पर है क्रिमिनल केस।
2014 में 185 दागी सांसद चुनकर आए थे जबकि 2019 में नवनिर्वाचित सांसदों की जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक 542 में से 233 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। इनमें 159 सांसद तो ऐसे है जिनपर हत्या, अपहरण और अन्य संगीन किस्म के अपराध दर्ज हैं। बीजेपी के 303 नवनिर्वाचित सांसदों में से 116 की पृष्ठभूमि क्रिमिनल है जबकि कांग्रेस के 51में से 29 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जेडीयू के 16 में से 13 सांसदों पर क्रिमिनल केस चल रहे हैं। इसीतरह शिवसेना के 11, टीएमसी के 13, डीएमके के 9 और एलजेपी के 6 सांसदों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। प्रज्ञा ठाकुर सहित 5 बीजेपी और अन्य दलों के 6 सांसद हत्या के आरोपी हैं वहीं 30 सांसदों पर हत्या के प्रयास का आरोप है। इनमें 11 बीजेपी के हैं। 29 सांसदों पर भड़काऊ भाषण देने के मामले दर्ज हैं।
करोड़पति हैं 475 सांसद।
17 वी लोकसभा के लिए चुने गए सांसदों में 88 फीसदी याने करीब 475 सांसद करोड़पति हैं। 2009 में 315 और 2014 में 443 सांसद करोड़पति थे। नवनिर्वाचित करोड़पति सांसदों में बीजेपी के 265 और 43 कांग्रेस के हैं।
392 ग्रेजुएट, 128 स्कूली शिक्षा तक सीमित।
नवनिर्वाचित सांसदों में 392 सांसद उच्चशिक्षित हैं यानी ग्रैजुएट और उससे ज्यादा पढ़े हैं। 128 सांसद ऐसे हैं जिन्होंने कभी कॉलेज का मुंह नहीं देखा यानी वे 5 वी से 12 तक ही शिक्षित हैं।
{खबर में दिए गए आंकड़े सूत्रों से मिली जानकारी पर आधारित हैं।}