यूपी में वापसी के लिए केजरीवाल मॉडल अपना सकती है कांग्रेस..!

  
Last Updated:  February 22, 2020 " 06:26 am"

दिलीप शर्मा (वरिष्ठ पत्रकार )

एक तरफ देश के सबसे बड़े राज्य यू पी में भविष्य के लिए भी अपने पाए मजबूत करने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना 5 लाख करोड़ से भी अधिक का सबसे बड़ा बजट पेश कर चुके हैं। उन्होंने किसानों, युवाओं, महिलाओं सभी को खुश करने की कोशिश भी की है इसके बावजूद दिल्ली के चुनाव में जीरों पर रही कांग्रेस के होंसले भाजपा की निरंतर हार के कारण मजबूत भी हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण ताजा ट्वीट है कि यू पी में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी केजरीवाल मॉडल पर 2022 में यू पी को फतह करने की तैयारी में है | यह भी उल्लेखनीय है कि आप की दिल्ली में लगातार शानदार जीत और केजरीवाल की अन्य राज्यों में विस्तार की नीति से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चिंतित हैं। फिर भी वे 2022 में यू पी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर सिर्फ अपनी पार्टी के बलबूते ही चुनाव लड़ने का भी मन बना रहे हैं | एक के बाद एक राज्यों में हार के बाद भाजपा की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हो चुकी है कि अब देशभक्ति की राजनीति के साथ केजरीवाल की मुफ्त नीति में तालमेल बैठाकर बदलाव करना ही होगा और उसका नतीजा भी सामने है कि कंपनियों द्वारा गैस के दामों में की गई भारी वृद्धि के बाद ही मोदी सरकार ने सब्सिडी दुगनी कर दी | 

कमलनाथ के दांव से राज्यसभा 
में पहुंची प्रियंका तो होगी और हमलावर ।

मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार की एक साल की उपलब्धियों के तहत प्रदेश में निवेश बढ़ाने की नीति, आइफा से भी रोजगार में वृद्धि के अवसर उत्पन्न्न करने एवं माफियाओं पर सख्त कार्रवाई से जनता की सराहना प्राप्त करने के बावजूद कांग्रेस के ही दमदार नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा वचन पत्र पूर्ण नहीं करने की स्थिति में जो चेतावनी दी है उसके जवाब में कमलनाथ ने भी कांग्रेस सुप्रीमों सोनिया गांधी से मिलकर प्रियंका गांधी को राज्य सभा में लाने का दांव चल दिया है। हालाँकि वे कहते जरूर हैं कि मैं जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह से नाराज नहीं हूं तो भला सिंधिया से कैसे नाराज होऊंगा | कुल मिलाकर मध्यप्रदेश की राजनीति में जारी आपसी घमासान भविष्य में कांग्रेस के यू पी फतह करने में बाधा भी बन सकता है | 

विकास के नए आयाम की तैयारी में योगी सरकार।

इधर यू पी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वर्ष 2020 के लिए 5 लाख करोड़ से अधिक का ऐतिहासिक बजट लाकर जन -जन एवं किसानों सभी को लुभाने की कोशिश की है।अभी तो खैर | यू पी के चुनाव में समय है। ऐसे में चुनाव के पूर्व के अंतिम बजट में योगीजी भी केजरीवाल की नीति अपनाकर अनेक लुभावनी घोषणाएं कर सकते हैं | वैसे प्रियंका गांधी ने इस बजट की भी आलोचना की एवं हर मुद्दे पर लगातार योगी सरकार पर हमलावर रहकर अपनी सक्रियता दर्शा चुकी हैं। यदि वे राज्यसभा पहुंचने में सफल होती हैं तो भाजपा का सिरदर्द बढा सकती हैं। राज्यसभा में बहुमत न होने से उसे कई विधेयक पारित कराने में दिक्कत आती रही है | भाजपा की निरंतर हार के कारण राज्य सभा में सीटें बढ़ाना भी मुश्किल हो सकता है | 

केजरीवाल बढा सकते हैं 
अन्य राज्यों में अपनी ताकत। 

इधर केजरीवाल दिल्ली में अपार लोकप्रियता के साथ अन्य राज्यों में भी आप पार्टी का विस्तार करते हैं तो वे सफल हो सकते हैं | आम जनता की नब्ज को वे पकड़ चुके हैं | शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में गरीब ही नहीं मध्यमवर्ग का भी बजट बिगड़ा हुआ है। जब देश में अथवा किसी भी राज्य में सरप्लस बिजली है तो 200 यूनिट मुफ्त में देने की उनकी रणनीति खूब कारगर रही इसके साथ ही 20 हजार लीटर मुफ्त पानी देकर, मौहल्ला क्लीनिक में मुफ्त ईलाज एवं फ्री में जाँच व दवाईयों के जरिए उन्होंने लोगों का दिल जीता | अब अन्य नेता भी उनसे प्रेरित हैं और ताजा ट्वीट से स्थिति साफ हो गई है कि प्रियंका गांधी केजरीवाल मॉडल को लेकर काफी उत्साहित हैं वैसे तो कांग्रेस ने 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देने, युवाओं को 6000 रु. बेरोजगारी भत्ते, किसानों की कर्ज माफ़ी का फार्मूला अपनाया था लेकिन मध्यप्रदेश में मिली सफलता को वे दिल्ली में हांसिल नहीं कर सके | भाजपा ने भी लुभावने वादे किए थे लेकिन केजरीवाल पहले से ही नायक फिल्म समान मुख्यमंत्री बनकर लोगों के दिलों में गहरी जगह बना चुके थे | बहरहाल अब देखना है कि शून्य से शिखर के खेल में कांग्रेस कितना सफल हो पाती है वैसे तो 5 राज्यों की सत्ता से वो निराश भी नहीं है पर मध्यप्रदेश में आपसी घमासान को रोकना भी जरुरी है | 

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