भोपाल : प्रदेश सरकार ने तय किया है कि आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडे नहीं दिए जाएंगे। प्रदेश में एक से चार साल के आयु वर्ग के 54 प्रतिशत बच्चे खून की कमीं से पीड़ित हैं।
मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कुपोषण से निपटने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडे देने को कहा था। एक हफ्ते पहले इमरती देवी ने घोषणा की थी कि कुपोषण को मिटाने के लिए मिड-डे मील में जो बच्चे अंडा खाते हैं उन्हें अंडा दिया जाएगा।
ग्वालियर में उन्होंने इस बात को दोहराया था कि वे अपने फैसले पर अडिग हैं। जो बच्चे अंडे खाते हैं, उन्हें अंडे दिए जाएंगे और जो नहीं खाते उन्हें फल दिए जाएंगे, जैसे केला या सेब।
इमरती के बयान पर मचा था बवाल।
इमरती देवी के बयान से बीजेपी में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तमाम चर्चाओं और अटकलों पर यह कहते हुए विराम लगा दिया कि उनकी सरकार मध्याह्न भोजन के दौरान आंगनवाड़ियों में अंडे वितरित नहीं करेगी। इसके बजाय, बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में दूध दिया जाएगा।