इंदौर : पार्टी में दरकिनार किए जाने से नाराज चल रहे बीजेपी नेता भंवर सिंह शेखावत मंगलवार को अपनी ही सरकार और प्रशासन पर खूब बरसे। उन्होंने इंदौर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के जरिए अपनी जमकर भड़ास निकाली।आए दिन जनता पर नए नियम- कानून व शर्तें थोपने पर उन्होंने कड़ा एतराज जताया। पूर्व पार्षद कल्याण देवांग भी उनके साथ थे। श्री शेखावत ने कोरोना संक्रमण के नाम पर लॉक डाउन, दुकानदारों और ठेलेवालों पर की जा रही सख्ती, निजी अस्पताल और स्कूलों द्वारा मचाई जा रही लूट, मास्क के नाम पर की जा रही वसूली सहित कई मुद्दों को बेबाकी के साथ उठाया। उनका कहना था कि पहले ही जनता नौकरी और कारोबार ठप हो जाने से परेशान है। ऐसे में कोरोना का नाम लेकर उन्हें अलग -अलग तरीकों से प्रताड़ित किया जा रहा है। अगर अराजकता का यही माहौल बरकरार रहा तो आम जनता विरोध में सड़कों पर उतर जाएगी। श्री शेखावत ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे नराज जनता के आंदोलन की अगुवाई करेंगे।
लॉक डाउन नहीं है समस्या का हल।
भंवर सिंह शेखावत का कहना था कि बार- बार लॉक डाउन कर लोगों में दहशत फैलाना समस्या का हल नहीं है।कोरोना का कोई इलाज अभी तक नहीं ढूंढा जा सका है। हमें इसके साथ ही आगे जीवन जीना है। ऐसे में शहर को बंद करने का कोई औचित्य नहीं है। प्रशासन बार- बार नए प्रयोग कर आम जनता की परेशानी बढा रहा है। कभी ऑड- इवन तो कभी लेफ्ट- राइट के नाम पर नए- नए नियम व शर्तें व्यापारियों पर थोपें जा रहे हैं। पहले ही तीन माह के लंबे लॉक डाउन से नौकरी- धंधों पर बेहद बुरा असर पड़ा है। लोग आर्थिक रूप से कंगाल हो गए हैं। ऐसे में बार- बार बाजार बंद करना सही नहीं है। इससे अराजकता का माहौल पैदा हो रहा है।
सप्ताह में पांच दिन पूरीतरह खोलें बाजार..
श्री शेखावत का कहना था कि सीएम शिवराज चौहान की मंशा के अनुरूप सप्ताह में पांच दिन बाजारों को बिना रोक- टोक के पूरीतरह खोला जाना चाहिए। जिला प्रशासन को लॉकडाउन करना ही है तो वह शनिवार- रविवार को करें। इसमें किसी को आपत्ति भी नहीं होगी। शेखावत ने जिला आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा इस बारे में मुंह नहीं खोलने पर भी हैरानी जताई।
निजी अस्पतालों ने मचा रखी है लूट।
वरिष्ठ बीजेपी नेता भंवर सिंह शेखावत ने कोरोना के नाम पर निजी अस्पतालों द्वारा मचाई जा रही लूट पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि मामूली, सर्दी,खांसी, बुखार को भी कोरोना बताकर निजी अस्पताल लाखों रुपए मरीजों से वसूल रहे हैं। उन्हें कोरोना के इलाज में सरकार से पैसा मिलता है, उसे पाने के लिए भी मरीज को कोरोना टेस्ट के लिए विवश किया जाता है। कोरोना की आड़ में लूट का खुला खेल चल रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के एवज में कितना पैसा दिया गया, इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
निगमकर्मी कर रहें मनमानी।
श्री शेखावत ने नगर निगम प्रशासन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि निगमकर्मी मनमानी पर उतारू हैं। फुटपाथ अथवा ठेले पर फल, सब्जी या अन्य छोटा- मोटा सामान बेचकर गुजारा करनेवालों के 500- 500 रुपए के चालान बनाए जा रहे हैं। लॉकडाउन में बीते चार माह से उनका कामकाज वैसे ही ठप पड़ा था। अब जैसे- तैसे उनकी रोजी- रोटी का जुगाड़ शुरू हुआ है कि फिर उन पर मनमाने ढंग से नियम- शर्ते थोपी जा रहीं हैं। कभी मास्क तो कभी सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर उनसे वसूली की जा रही है, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता।
स्कूल संचालक फीस को लेकर बना रहे दबाव।
श्री शेखावत ने बच्चों के पालकों को हो रही परेशानी का मुद्दा भी पत्रकार वार्ता में उठाया। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल संचालक फीस को लेकर बच्चों के पालकों पर दबाव बना रहे हैं जबकि स्कूल लग ही नहीं रहे हैं।ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर उन्हें बरगलाया जा रहा है। पालकों की माली हालत पहले ही खस्ता हो चुकी है, ऐसे में वे अपने बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस के लिए महंगे ऐन्ड्रॉइड मोबाइल कहां से लाकर देंगे, वहीं हजारों रुपए फीस कैसे भरेंगे ये बड़ा सवाल है। शासन- प्रशासन को इस परेशानी से पालकों को निजात दिलानी चाहिए पर वे कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
बीजेपी नेता भंवर सिंह शेखावत ने हजारों रुपए के बिजली के बिलों का जिक्र करते हुए कहा कि सीएम शिवराज ने बिजली बिलों में राहत देने के आदेश जारी किए थे पर अभी तक उन पर अमल शुरू नहीं हुआ है, जिससे उपभोक्ताओं की परेशानी बनी हुई है।