16 से 22 तक श्रीराम कथा का होगा दिव्य आयोजन।
अखिल भारतीय गीता जयंती महोत्सव का हुआ समापन।
इंदौर : अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने के उपलक्ष्य में गीता भवन में 22 जनवरी 2024 को दीपावली का महापर्व मनाया जाएगा। इसके पूर्व 16 से 22 जनवरी तक गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट के सहयोग से श्रीराम कथा का दिव्य आयोजन भी होगा। 22 जनवरी को दीपावली जैसा पर्व इतनी दिव्यता और भव्यता के साथ मनाया जाएगा कि उसकी गूंज सारे शहर तक पहुंचेगी।
गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन ने बुधवार को 66वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव के समापन अवसर पर उक्त संकल्प व्यक्त किया। इस अवसर पर जगदगुरू वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभराय महाराज (सूरत), उज्जैन से आए स्वामी परमानंद महाराज, भदौही (उ.प्र.) से आए पं. पीयूष महाराज एवं पं. सुरेश शरण, डाकोर से आए स्वामी देवकीनंदन दास, पानीपत से आई साध्वी ब्रह्मज्योति सरस्वती आदि ने अपने प्रेरक विचार व्यक्त किए।
समापन समारोह में गीता भवन ट्रस्ट की ओर से अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री रामविलास राठी, मनोहर बाहेती, संरक्षक ट्रस्टी गोपालदास मित्तल, समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, विष्णु बिंदल, दिनेश मित्तल, टीकमचंद गर्ग, पवन सिंघानिया, संजीव कोहली, हरीश माहेश्वरी, महेशचंद्र शास्त्री, राजेश गर्ग केटी तथा सत्संग समिति की ओर से श्याम मोमबत्ती, प्रदीप अग्रवाल, रामकिशोर राठी, अरविंद नागपाल, जे.पी. फड़िया, त्रिलोकीनाथ कपूर आदि ने सभी संत-विद्वानों का स्वागत किया। ट्रस्ट की ओर से जगदगुरू गोस्वामी वल्लभराय एवं अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज को भी गरिमापूर्ण बिदाई दी गई। अंत में अस्पताल प्रबंधन समिति के सचिव एवं न्यासी दिनेश मित्तल ने सभी संतों, दानदाताओं, भक्तों, मीडिया, पुलिस प्रशासन एवं सहयोगी बंधुओं के प्रति आभार व्यक्त किया।
शहर को हरा-भरा बनाने एवं यातायात नियमों का पालन करने की शपथ।
महोत्सव के समापन अवसर पर हजारों भक्तों ने जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के सान्निध्य में शहर को वर्षाकाल में हरा-भरा बनाने, जल की प्रत्येक बूंद का सदुपयोग करने और यातायात नियमों का पालन कर शहर के जिम्मेदार नागरिक के दायित्व निभाने की शपथ भी ली।
जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज ने समापन अवसर पर कहा कि गीता भवन मंदिर और संतों की साक्षी में लिए गए शुभ संकल्प हमेशा सार्थक और फलीभूत होते हैं।इस मौके पर कृष्ण मंदिर में आचार्य पं. कल्याण दत्त शास्त्री के निर्देशन में चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ की पूर्णाहुति भी हुई। हजारों भक्तों ने यज्ञ देवता के जयघोष के बीच पूर्णाहुति समर्पित की।