इंदौर : इंदौर में कोविड पॉजिटिव मरीजों के उपचार के लिए चिन्हित दो अस्पतालों में शीघ्र ही प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार शुरू किया जाएगा। इसके लिए आईसीएमआर में अनुमति के लिये प्रस्ताव भेजा गया है। आगामी दो दिनों में अनुमति मिलने की उम्मीद है। इस बारे में अन्य आवश्यक अनुमतियां भी प्राप्त कर ली गई हैं। जिले में कोरोना मरीजों के सेम्पलों का बैकलॉग भी लगभग पूर्ण हो गया है।
यह जानकारी संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने दी। उन्होंने बताया कि प्लॉज्मा थैरेपी से उपचार के लिये सभी आवश्यक प्रबंध किये जा रहे हैं। डोनर भी चिन्हित कर लिए गए हैं। प्लॉज्मा थैरेपी में निर्धारित मापदण्डों का पूरा पालन किया जाएगा। श्री त्रिपाठी ने बताया कि इंदौर में कोरोना मरीजों के सेम्पलों की जांच के लिये क्षमता बढ़ाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। अभी यहां 400 से अधिक मरीजों के सेम्पलों की जांच हो रही है। एक या दो दिन में यह बढ़कर 650 से 800 तक हो जाएगी। इसके अलावा सेंट्रल लैब को भी अनुमति मिल गई है। यह अनुमति अरविंदों हॉस्पिटल को भी मिल जाएगी। इसके अलावा अहमदाबाद और पुडुचेरी में भी सेम्पलों की जांच की व्यवस्था की गई है।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि इंदौर में लगभग बैकलॉग पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि संभाग में स्थिति पूरी नियंत्रण में है। बड़वानी, खरगोन, खंडवा और धार जिले में अब नए मरीज कम ही सामने आ रहे हैं। इंदौर संभाग के ग्रामीण अंचल में कोरोना का फैलाव नहीं है। पुराने कोरोना मरीजों का उपचार कर उन्हें डिस्चार्ज भी किया जा रहा है।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे कोरोना मरीज जिन्हें कम लक्षण हैं या लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं और वह पॉजिटिव हैं, उनके होम आईसोलेशन के लिये नई गाइड लाइन प्राप्त हुई है। इस गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की यह नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक, बहुत हल्के (वेरी माइल्ड) लक्षणों वाले मरीज खुद को घर में ही आइसोलेट कर सकते हैं। मरीजों को उनकी हालत के आधार पर कोविड केयर सेंटर, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर या डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किये जाने की व्यवस्था है।