इंदौर के लालबाग में 09 मई से प्रारंभ होगा मालवा उत्सव

  
Last Updated:  May 8, 2023 " 05:21 pm"

जनजातीय नृत्य और लोक कला का अद्भुत संगम होगा यह उत्सव।

देश भर से जुटेगे लोक कलाकर व शिल्पकार।

इंदौर : लोक संस्कृति मंच द्वारा देश का प्रतिष्ठित ‘मालवा उत्सव’ 9 मई से लालबाग परिसर में आयोजित होने जा रहा है। यह उत्सव जनजाति नृत्य व जनजाति लोक कला को समर्पित होगा।
लोक संस्कृति मंच के संयोजक, सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि मालवा उत्सव ने देश और प्रदेश के साथ विश्व पटल पर मालवा की छवि को उकेरा है। इस वर्ष 9 मई से 15 मई तक मालवा उत्सव का आयोजन लालबाग परिसर में किया जा रहा है। देश के विभिन्न राज्यों के 450 से अधिक लोक कलाकार एवं 350 शिल्पकार इस आयोजन में भाग लेंगे।

जनजातीय एवं लोक नृत्यों से सजेगा मालवा उत्सव।

लोक संस्कृति मंच के सचिव दीपक लवंगडे ने बताया कि इस वर्ष यह उत्सव जनजाति व लोक नृत्यो के साथ जनजाति कला की छाप लिए होगा। जनजाति समूह गौंड, कर्मा, आदिवासी ,बरेदी, कोरकु आदि के साथ लंबाडी, मालवा की मटकी, पंजाब का लोकप्रिय भांगड़ा, गुजरात का गरबा सहित पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक की संस्कृति और लोक लुभावन नृत्यों की प्रस्तुतियां प्रतिदिन लालबाग परिसर पर देखने को मिलेंगी।

शिल्प मेले में आएंगे 350 से अधिक शिल्पी।

लोक संस्कृति मंच के कार्यालय प्रभारी विशाल की गिदवानी एवं पवन शर्मा ने बताया कि इस वर्ष जनजाति कला के साथ देशभर की कला प्रदर्शित करने लगभग 350 शिल्पकार इस उत्सव में अपनी कलाकृतियां लेकर आएंगे। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उड़ीसा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, आसाम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश के कलाकार अपनी कला की छटा यहां बिखेरेंगे। शिल्प मेले में मिट्टी शिल्प, गलीचा शिल्प ,टेराकोटा ,ड्राई फ्लावर ,केन फर्नीचर, कपड़ा शिल्प, पीतल शिल्प, लौह शिल्प प्रमुख रूप से उपलब्ध रहेंगे।

गुजरात पवेलियन रहेगा आकर्षण का केंद्र।

गुजरात सरकार के सहयोग से इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन कॉटेज द्वारा इस वर्ष मालवा उत्सव में गुजरात के प्रसिद्ध हैंडीक्राफ्ट एवं हैंडलूम के स्टॉल्स की श्रृंखला लगाई जा रही है। इनमें पटोला, शॉल, कुची एंब्रॉयडरी, अजरख ब्लॉक प्रिंट, बंधेज, जरी जरदोसी, मोती के आइटम ,चनिया चोली, तोरण बंधनवार ,लेदर एवं वुडन आर्टिकल्स, मेटल के क्राफ्ट ,नेल पेंटिंग, ज्वेलरी एवं एसेसरीज, कॉपर बेल आदि के स्टॉल प्रमुख हैं।इसी के साथ सुदूर आदिवासी अंचलों से जनजाति शिल्पकारों द्वारा बनाई गई ट्राइबल अंचल की आइटम भी यहां देखने एवं खरीदने को मिलेगी।

मंच के सतीश शर्मा एवं बंटी गोयल ने बताया मालवा उत्सव प्रतिदिन सायंकाल 4:00 बजे से प्रारंभ होगा वही लोक नृत्यों की प्रस्तुति सायंकाल 7:00 बजे से शुरू होगी।

विभिन्न समितियों का गठन कर आयोजन को सफल बनाने के लिए कंचन गिद्वानी, मुद्रा शास्त्री, संध्या यादव, रितेश पाटनी, नितिन तापड़िया, कमल गोस्वामी, संकल्प वर्मा ,कपिल जैन, रितेश पिपलिया आदि को व्यवस्थाएं सौंपी गई हैं।

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