इंदौर : कोरोना की आशंकित तीसरी लहर से बचाव हेतु 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए इंदौर शहर में सीरो सर्वे 2021 शुरू किया जा रहा है। सर्वे के तहत एक से 18 वर्ष के बच्चों के सेंपल लेकर कोविड वायरस के खिलाफ उत्पन्न हुई एंटीबॉडी की जांच की जाएगी। इसी कड़ी में सोमवार को रवींद्र नाट्य गृह में सेम्पलिंग एवं सीरो सर्वे हेतु नियुक्त की गई 50 टीमों के सदस्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल, अपर आयुक्त भव्या मित्तल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित, समस्त अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
एरर फ्री सीरो सर्वे का लें संकल्प।
संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा ने कहा कि सीरो सर्वे के माध्यम से लिए गए सेंपल के आधार पर एक डेटाबेस तैयार किया जाएगा जिससे कोरोना की आशंकित तीसरी लहर के विरुद्ध हम हर संभव तैयारी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस सर्वे को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए सर्वे हेतु नियुक्त की गयी 50 टीमों में चाचा नेहरू हॉस्पिटल की एक्सपर्ट पीडियाट्रिक नर्सों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इंदौर जिले के लिए सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि इंदौर को नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) द्वारा एबोट कंपनी की एलिसा मशीन प्रदान की जा रही है। जिससे अब हम निशुल्क एंटीबॉडी टेस्ट कर सकेंगे। उन्होंने सर्वे में कार्यरत सभी टीमों को एरर फ्री सीरो सर्वे सम्पन्न कराने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया।
सीरो सर्वे के तहत लिए जाएंगे कुल दो हजार सेम्पल।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बैठक के दौरान इंदौर में शुरू हो रहे सीरो सर्वे 2021 के संबंध में नियुक्त की गई टीमों के सदस्यों से चर्चा कर आवश्यक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि सर्वे के तहत शहर में एक से 6 वर्ष तक के बच्चों के 200, 7 से 9 वर्ष तक के बच्चों के 400 और 10 से 18 वर्ष तक के बच्चों के एक हजार 400 सेम्पल लिए जाएंगे। इस तरह कुल दो हजार सैम्पल सीरो सर्वे अंतर्गत लिए जाना है। उन्होंने कहा कि उक्त कार्य हेतु शहर को चार जोन में विभाजित कर 50 टीमें नियुक्त की गई हैं। इन सभी टीमों का सुपरविजन संबंधित एसडीएम द्वारा किया जाएगा उन्होंने कहा कि इस पूरे सर्वे को पांच से सात दिन के भीतर संपन्न किया जाना तय किया गया है। कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएमएचओ डॉ. बी.एस. सैत्या को निर्देश दिए कि सर्वे हेतु नियुक्त की गई टीमों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि टीम के सदस्यों द्वारा सैम्पल लेने के दौरान बच्चों के अभिभावकों को अनिवार्य रूप से सर्वे के महत्व के बारे में समझाया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा अभिभावक सर्वे को सफल बनाने में अपना योगदान दे सकें।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि कोरोना जांच हेतु नियुक्त की गई सेम्पलिंग टीम के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन 10 से 11 हजार सैम्पल लिए जा रहे हैं। यह प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक सेम्पल कलेक्शन संख्या है। उन्होंने सेम्पलिंग टीम के सभी सदस्यों को बधाई दी एवं आगे भी इसी तरह कार्य करने के लिए उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने समस्त एसडीएम को निर्देश दिए कि कोरोना जांच हेतु किए जा रहे इन रेंडम सैम्पल्स की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए साथ ही सैम्पल लेते वक्त यह भी आवश्यक रूप से ध्यान में रखा जाए कि जिले के प्रत्येक वर्ग एवं क्षेत्र के लोग इसमें शामिल हों।