कमलनाथ के नेतृत्व में देपालपुर में कांग्रेस ने निकाली ट्रेक्टर रैली, नए कृषि कानून थोपे जाने का किया विरोध

  
Last Updated:  January 24, 2021 " 09:15 pm"

भोपाल : किसान आंदोलन के समर्थन और संसद में पारित तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेश भर में चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। शनिवार को भोपाल में किए गए प्रदर्शन के बाद रविवार को इंदौर जिले के देपालपुर में कांग्रेसियों ने ट्रैक्टर रैली और सभा के जरिये नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए उन्हें वापस लेने की मांग की।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्रैक्टर रैली की अगुवाई की। वे सबसे आगे हुए ख़ुद ट्रैक्टर चलाते हुए चल रहे थे। उनके पीछे-पीछे हजारों ट्रैक्टर रैली के रूप में साथ चल रहे थे।कमलनाथ ने खुद ट्रैक्टर का स्टेरिंग संभाल कर देपालपुर की गलियों में कई किलोमीटर तक ट्रैक्टर चलाया।
ट्रैक्टर रैली के दौरान कमलनाथ व कांग्रेसी नेताओं का स्थानीय कार्यकर्ताओं व किसानों ने मंचों से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

इंदौर ज़िले के देपालपुर में विधायक विशाल पटेल द्वारा आयोजित यह ट्रैक्टर रैली
24 अवतार तीर्थ मंदिर से प्रारंभ होकर कई किलोमीटर घूमते हुए किसान सम्मेलन स्थल पर समाप्त हुई।

किसानों का कर्ज माफ किया।

किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जब मैंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली कैसा प्रदेश शिवराज जी ने हमें सौंपा ,जो किसानों की आत्महत्या में नंबर वन ,महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन ,बेरोजगारी में नंबर वन था।
हमारी 70% अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है।कृषि क्षेत्र में क्रांति आये ,किसानों के साथ न्याय हो ,उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य मिले ,यह मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी।हमने कर्ज माफी की शुरुआत की , हमने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया ,इसके गवाह खुद किसान हैं।हमने डिफाल्टर ही नहीं ,चालू खाते वाले किसानों के भी कर्ज माफ किये।हमने शुरुआत की थी।हमारी सरकार के पहले आलू का क्या भाव था , मक्का का क्या भाव था ?
प्रदेश का निर्माण किसान और युवा मिलकर करेंगे और यदि उनका भविष्य ही अंधकार में होगा तो वह प्रदेश का निर्माण कैसे कर पाएंगे ? आज मध्यप्रदेश में जितने उद्योग लगते नहीं है उससे ज़्यादा बंद हो जाते है।हमने मध्य प्रदेश की नई पहचान बनाने का काम किया ,जहां लोगों को विश्वास हो।विश्वास से ही आर्थिक गतिविधि बढ़ती है,प्रदेश का विकास होता है।

माफियाओं के खिलाफ की कड़ी कार्रवाई।

कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने माफ़िया के खिलाफ अभियान चलाया।प्रदेश में निवेश को लेकर हमने काम किया।
हमें 15 माह में काम करने के लिए सिर्फ़ साढ़े 11 माह ही मिले। किसानों का कर्ज माफ कर ,सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाकर ,बिजली सस्ती कर ,कन्या विवाह की राशि बढ़ाकर हमने कौन सा पाप या गुनाह किया ?

सौदेबाजी नहीं की।

कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते मै भी सौदेबाजी कर सकता था लेकिन मैं मध्यप्रदेश की पहचान को कलंकित नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने सौदेबाजी नहीं की।

नए कृषि कानून निजीकरण को देंगे बढ़ावा।

कमलनाथ ने कहा कि वर्षों पूर्व  हमारा देश अनाज का आयात करता था। जवाहरलाल नेहरु,लालबहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के कारण आज हमारा देश अनाज का निर्यात करता है।हमने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया ,कोयले की खदानों का राष्ट्रीयकरण किया लेकिन हमने कृषि क्षेत्र का भी राष्ट्रीयकरण किया। यह हमारा सबसे बड़ा कदम था।समर्थन मूल्य की शुरुआत उस समय से ही हुई।हमने एफ़सीआई बनाया ,हमने बफर स्टॉक की स्थापना की।आज पंजाब और हरियाणा के 95% किसान समर्थन मूल्य का लाभ लेते हैं वहीं हमारे मध्य प्रदेश में आज भी 20% किसानों को ही समर्थन मूल्य का लाभ मिलता है। नए कृषि कानून हमारे कृषि क्षेत्र का निजीकरण करेंगे।बड़े-बड़े उद्योग समूह को मंडी का दर्जा मिलेगा , वो मनमाने दाम पर किसानों से उनकी उपज खरीदेंगे ,एमएसपी खत्म होगी, जमाखोरी व कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा।किसान कांटेक्ट फ़ार्मिंग से बंधुआ मजदूर बनेगा।यह काले कानून किसानों का शोषण करेंगे ,किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे।इन काले कानूनों से किसानों को नहीं उद्योगपतियों को फायदा मिलेगा।इसीलिए तो लाखों किसान दिल्ली की सीमा पर इतनी कड़ाके की ठंड में 60 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं ,वह काले कानूनों की सच्चाई समझते हैं।मध्य प्रदेश के भी हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं।जब किसान नहीं चाहता यह कानून , तब किसानों पर यह काले कानून क्यों जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं..?

बीजेपी पर किया जोरदार हमला।

कमलनाथ ने अपने संबोधन में बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा की राजनीति को समझने की आवश्यकता है।किस प्रकार 2 करोड लोगों को चुनाव के पूर्व रोजगार देने की बात करते थे ,किसानों को खेती को लाभ का धंधा बनाने की ,किसानों की आय दोगुनी की बात करते थे।आज ये किसान व रोजगार की जगह गुमराह करने के लिये कभी पाकिस्तान की बात करते हैं ,कभी राष्ट्रवाद की बात करते हैं।जिनकी पार्टी में एक भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं हुआ वो देश को और कांग्रेस को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने चले है।

पेट्रोल- डीजल के दाम आसमान पर हैं।

कमलनाथ ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमत 100 रु. के करीब पहुंचने वाली है ,कितनी महंगाई बढ़ गई है।इस सच्चाई को समझने की जरूरत है।आप भले कमलनाथ का ,कांग्रेस का साथ मत दीजिए लेकिन सच्चाई का साथ जरूर दीजिए।आगामी समय नगरीय निकाय चुनाव का है।आपको तय करना है कि हमारा प्रदेश किस रास्ते पर जाएगा।हमारे देश की संस्कृति के रास्ते पर या मोदी जी के रास्ते पर।हमारे देश की व कांग्रेस की संस्कृति देश को जोड़ने की ,समाज को जोड़ने की ,विभिन्न धर्म-जाति को जोड़ने की है।विश्व में भारत जैसा कोई देश नहीं जहाँ इतनी विभिन्नताएँ है लेकिन हम सब एक झंडे के नीचे आज खड़े है।

15 हजार झूठी घोषणाएं कर चुके हैं शिवराज।

हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री तो घोषणावीर हैं।जब तक झूठ नहीं बोले तब तक उनका खाना हजम नहीं होता है।15 हज़ार झूठी घोषणाए उनके नाम दर्ज है।क्या हमारा प्रदेश कलाकारी से सुरक्षित रहेगा।सीएम शिवराज को तो मुंबई चले जाना चाहिए। कलाकारी में प्रदेश का नाम कम से कम रोशन करेंगे।

सभा को पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव , सज्जन वर्मा , जीतू पटवारी , अंतर सिंह दरबार और युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने भी संबोधित किया।

किसान सम्मेलन के पूर्व विधायक विशाल पटेल ने हलधर देकर कमलनाथ जी का भव्य स्वागत किया।

ट्रैक्टर रैली व किसान सम्मेलन में पूर्व मंत्री बाला बच्चन ,विजयलक्ष्मी साधो ,मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ,जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव ,शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ,विधायक संजय शुक्ला ,पंडित कृपाशंकर शुक्ला ,के के मिश्रा ,अश्विन जोशी ,सुरेश मिंडा , अर्चना जायसवाल आदि शामिल थे।

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