रसीद कटाने वालों को आम श्रद्धालुओं पर दी जा रही वरीयता।
बाहर से आई श्रद्धालुओं ने जताई नाराजगी।
इंदौर : खजराना गणेश मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। केवल इंदौर व मप्र ही नहीं देशभर से श्रद्धालु खजराना गणेश के दर्शन – पूजन के लिए आते हैं। केवल प्रथम पूज्य गणेश ही नहीं मां दुर्गा, शिव – पार्वती, माता महालक्ष्मी सहित अन्य देवी – देवता भी यहां विराजित हैं। यह एक ऐसा स्थान है जहां ईश्वर के सभी स्वरूपों के दर्शनों का पुण्य लाभ मिलता है। पर बीते कुछ समय से यहां व्यावसायिकता का बोलबाला हो गया है, जिससे आम आदमी के लिए दर्शन दुर्लभ हो चले हैं। अगर वो दर्शन करना भी चाहें तो उसके साथ वहां के सुरक्षाकर्मी दुर्व्यवहार पर उतारू हो जाते हैं। प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का चढ़ावा यहां आता है पर व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है।
रसीद कटाओ तो सहज सुलभ है दर्शन।
बताया जाता है कि महाकाल मंदिर की तर्ज पर खजराना मंदिर प्रशासन ने भी दर्शन – पूजन के नाम पर रसीद कटवाने का सिस्टम लागू कर दिया गया है। इसका नतीजा ये हुआ है की अमीर लोग पैसे देकर तो रसूखदार वीवीआईपी बनकर गर्भगृह में दर्शन – पूजन कर आते हैं जबकि लाइन में खड़े होकर धक्के खाने वाला आम श्रद्धालु दूर से दर्शन के लिए भी तरस जाता है।
दर्शन करने जाना चाहा तो गेट पर लगा दिया ताला।
ऐसा ही एक मामला शुक्रवार, 26 मई को सामने आया। मुंबई से इंदौर आया एक परिवार, खजराना गणेश मंदिर में दर्शन के लिए गया था। एक अन्य व्यक्ति तो अपने नवजात बच्चे को लेकर दर्शन – पूजन के लिए पहुंचा था। कतार में लगकर वे दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे , पर जब वे श्री गणेश के गर्भगृह के सामने पहुंचने वाले ही थे की उन्हें ये कहकर पीछे जाने को कहा गया की वे कतार में नहीं हैं। परेशानी सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुई। वे जब श्री गणेश के गर्भगृह से लगे मां दुर्गा के मंदिर में दर्शन के लिए जाने लगे तो वहां तैनात संगीता नामक महिला सुरक्षा गार्ड ने ये कहकर उन्हें रोक दिया की बिना रसीद कटवाए वे मां दुर्गा के दर्शन नहीं कर सकेंगे। अपने नवजात शिशु को लेकर आए व्यक्ति ने भी महिला सुरक्षाकर्मी से दर्शन के लिए जाने देने की गुहार लगाई पर वो मानने को तैयार नहीं थी। हालांकि रसूखदार लोग बेरोकटोक जाकर दर्शनलाभ ले रहे थे। जब इसपर मुंबई से आई श्रद्धालु फैमिली ने ऐतराज जताया तो उक्त महिला सुरक्षाकर्मी गेट पर ताला डालकर वहां से नदारद हो गई। वहां दर्शनों के लिए आए अन्य लोगों को भी इसके चलते निराश लौटना पड़ा। लौटते वक्त श्रद्धालु परिवार ने खजराना मंदिर में व्याप्त बदइंतजामी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ तो उनके जैसे आम श्रद्धालु यहां आने से पहले दो बार सोचेंगे।
देवालय आस्था के केंद्र होते हैं। ईश्वर के दर पर सभी के साथ एक समान बर्ताव होना चाहिए। खजराना गणेश जैसे मंदिर में जहां लाखों लोगों की आस्था और विश्वास जुड़ा है, वहां अव्यवस्थाओं के चलते आम दर्शनार्थियों को परेशानी झेलनी पड़े और रसूखदार पैसे के दम पर बिना कतार के दर्शनलाभ पा जाएं यह गलत परिपाटी है।इसके पहले की मंदिर में व्यावसायिकता पूरीतरह हावी हो जाए, जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।