घरेलू गैस सिलेंडरों के बढ़ते व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाए सरकार

  
Last Updated:  July 19, 2022 " 12:16 am"

संस्था ग्राहक भारती ने उठाई मांग।

इंदौर : उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए आवाज उठाने वाली स्वयंसेवी संस्था ‘ग्राहक भारती’ ने घरेलू गैस सिलेंडरों के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए सरकार से इसपर रोक लगाने की मांग की है।

घरेलू गैस का हो रहा व्यावसायिक इस्तेमाल।

संस्था ग्राहक भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत रे ने पत्रकार वार्ता के जरिए घरेलू गैस के व्यावसायिक इस्तेमाल का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 19 किलो के कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ने से होटल, रेस्टोरेंट्स और चाय- पान की दुकानों पर धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल होने लगा है। यही नहीं वाहनों में भी सीएनजी की जगह लोग घरेलू गैस एलपीजी का उपयोग करने लगे हैं। ये बेहद चिंता का विषय है।

अवैध गैस रिफिलिंग से हादसों की आशंका।

श्री रे का कहना है कि घरेलू गैस का व्यावसायिक और वाहनों में इस्तेमाल होने से जगह – जगह अवैध रिफिलिंग सेंटर खुल गए हैं, जो घरेलू सिलेंडरों से कमर्शियल सिलेंडरों को भरकर ज्यादा बेच रहे हैं। वाहनों में भी एलपीजी भरी जा रही है। बेहद असुरक्षित ढंग से चलाए जा रहे इस गोरखधंधे के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। अवैध गैस रिफिलिंग के दौरान विस्फोट होने से पूर्व में इंदौर के द्वारकापुरी और उज्जैन में कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है।

गैस एजेंसियों की मिलीभगत से हो रही कालाबाजारी।

ग्राहक भारती के पदाधिकारियों का दावा है कि गैस एजेंसियों की मिलीभगत के चलते घरेलू गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी की जा रही है। एजेंसियां, ग्राहकों के नाम से खुद ही बुकिंग करके ब्लैक में सिलेंडर बेच देती हैं, इसी का फायदा उठाकर घरेलू गैस का जमकर व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है।

उज्ज्वला योजना के सिलेंडरों का हो रहा दुरुपयोग।

ग्राहक भारती के जयंत रे के मुताबिक केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना में गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए थे लेकिन गैस सिलेंडर महंगा हो जाने से गरीब वर्ग ने सिलेंडर बुकिंग बंद कर दी है, जिसका फायदा एजेंसियां उठा रहीं हैं और सिलेंडरों की कालाबाजारी कर रहीं हैं। श्री रे का कहना है कि केंद्र सरकार गरीब वर्ग के लिए एक, दो और पांच किलो के गैस सिलेंडर उपलब्ध करा दें तो इस कालाबाजारी को रोका जा सकता है।उन्होंने इस मामले में सरकार द्वारा कड़े कदम उठाए जाने की माग करने के साथ लोगों में जागरूकता लाने पर भी जोर दिया।

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