चौतरफा विरोध के चलते झुकी सरकार, निगम करों में किए गए इजाफे पर लगाई रोक

  
Last Updated:  April 1, 2021 " 02:20 pm"

इंदौर : निगम के करों में भारी बढ़ोतरी के खिलाफ उपजे जबरदस्त जनाक्रोश और कांग्रेस द्वारा उसे भुनाने के लिए मैदान पकड़ते देख बीजेपी नेता हड़बड़ाकर नींद से जागे। मंत्री तुलसी सिलावट और अन्य बीजेपी नेताओं ने फोन घनघनाते हुए सीएम शिवराज और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को लोगों के गुस्से से अवगत कराया। उन्होंने सीएम और नगरीय प्रशासन मंत्री से बढ़े हुए करों को तुरंत वापस लेने की मांग की।

करों में की गई बढ़ोतरी स्थगित।

जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने गुरुवार सुबह रेसीडेंसी कोठी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया की प्रदेश सरकार ने इंदौर नगर निगम प्रशासन द्वारा करों में की गई दर वृद्धि को स्थगित कर दिया है। मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने निगम करों में बढ़ोतरी को स्थगित करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने साफ कर दिया है कि सभी जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने के बाद ही अब इस मामले में कोई फैसला लिया जाएगा।

जनता की परेशानी को लेकर सरकार संवेदनशील।

मंत्री सिलावट ने इस बात को गलत बताया कि प्रदेश सरकार जनता की परेशानी को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि दर वृद्धि की खबर सामने आते ही वे और बीजेपी के तमाम नेता सक्रिय हो गए थे। यही कारण है कि जनता के हित में कर वृद्धि का फैसला 24 घंटे के भीतर वापस ले लिया गया।

बीजेपी नेताओं ने भी जताई थी नाराजगी।

अधिकारियों द्वारा निगम करों में की गई भारी वृद्धि पर विपक्षी दल कांग्रेस के साथ सत्तारूढ़ बीजेपी ने भी आपत्ति जताई थी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, गोपी नेमा, मंत्री तुलसी सिलावट, पूर्व महापौर मालिनी गौड़, विधायक महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय, मधु वर्मा, गोविंद मालू और जेपी मूलचंदानी सहित अन्य नेताओं ने बयान जारी कर निगम करों में बढ़ोतरी का विरोध किया था। चौतरफा आलोचना और विरोध झेलने के बाद शिवराज सरकार ने निगम करों में बढ़ोतरी पर रोक लगादी।

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