इंदौर|प्रदेश की आर्थिक और व्यवसायिक राजधानी इंदौर में परिवहन विभाग तकनीक के फेर में ही उलझ रहा है|पहले आधुनिक तकनीक के सहारे विभाग में फैले भ्रस्टाचार को हटाने का दावा किया गया लेकिन यहाँ आधुनिक तकनीक ही आवेदकों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है|लिहाजा अब निर्णय लिया गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ट्रायल देते समय आवेदक को रिवर्स कार ड्राइव करके नहीं दिखाना होगी। आरटीओ इंदौर ने आवेदकों को परेशानी और टेक्नोलॉजी में आ रही समस्या को देखते हुए दो से ढाई माह के लिए इस ट्रायल से छूट दे दी है।दरअसल अभी तक आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पहले नायता मुंंडला स्थित आरटीओ में एट के आकार में बने ट्रैक पर सीधे कार चलाकर दिखाना होती है और इसके बाद दूसरे ट्रैक में रिवर्स कार चलाकर दिखाना होती है। किसी में भी ट्रैक लाइन को तीन बार टच करने पर आवेदन खारिज हो जाता था, लेकिन अब रिवर्स टेस्ट से मुक्ति से आवेदक को आसानी होगी। परिवहन विभाग को यह समस्या भी थी कि उनके पास कैमरे पर्याप्त नहीं हैं, जिसके चलते एक समय में वे एक ही आवेदक की वीडियो रिकॉर्डिंग कर पाते हैं। इस कारण जब आवेदक रिवर्स कार का ट्रायल देता है, तब दूसरा आवेदक एट लेन के ट्रैक पर कैमरा नहीं होने से इंतजार में खड़ा रहता है। इसके चलते आवेदकों की लाइन भी लग रही थी। आरटीओ एमपी सिंह के मुताबिक दो से ढाई माह में तकनीक को मजबूत कर दिया जाएगा, रिवर्स ट्रायल खत्म होने से आवेदकों का ट्रायल भी जल्द होगा और परेशानी नहीं होगी।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नहीं देना होगा रिवर्स कार चलाने का ट्रायल
Last Updated: March 24, 2017 " 07:06 am"
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