भांजियों और लाडली बहनाओं के साथ है शिवराज का मामा और भाई का रिश्ता।
बहनों के समक्ष बोले शिवराज कभी – कभी राजतिलक होते – होते वनवास हो जाता है।
भोपाल : शिवराज सिंह अब भले ही मुख्यमंत्री न हों पर प्रदेश बीजेपी में उनसे बड़ा जनाधार वाला और लोकप्रिय नेता दूसरा नहीं है। खासकर भांजियों और लाडली बहनाओं से उन्होंने जो आत्मीय रिश्ता कायम किया है वो प्रदेश के इतिहास में कोई और नेता नहीं बना पाया।यही कारण है कि वे जहां भी जाते हैं, लाडली बहनें और भांजियां उनसे लिपटकर रो पड़ती हैं।शिवराज सिंह भी भांजियों और लाडली बहनों के इस स्नेह भरे रिश्ते को पूरा सम्मान देते हैं , यही कारण है कि उन्होंने भोपाल में आवंटित अपने घर (74 बंगलो स्थित B-8) को मामा का घर नाम दे दिया है।
दरअसल, प्रदेश में बीजेपी की बंपर जीत के बाद शिवराज सिंह को उम्मीद थी कि पार्टी नेतृत्व पुनः उन्हें ही प्रदेश की बागडोर सौंपेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पार्टी का निर्णय तो उन्होंने शिरोधार्य कर लिया पर उसकी टीस उनकी जुबान पर आ ही जाती है। हाल ही में उनका यह दर्द छलक पड़ा जब उन्होंने लाडली बहनाओं के बीच कहा, “कहीं ना कहीं कोई बड़ा उद्देश्य होगा यार…, कई बार राजतिलक होते-होते वनवास भी हो जाता है। लेकिन वह किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए होता है। ये चिंता मत करना। मेरी जिंदगी आपके लिए है, जनता-जनार्दन के लिए है, बेटा-बेटियों के लिए है, मेरी बहनों के लिए है। इस धरती पर इसलिए आया हूं मैं, तुम्हारी जिंदगी से दुख दर्द दूर करने, आंखों में आंसू नहीं रहने दूंगा, जिंदगी जितनी बेहतर बनेगी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। दिन और रात उसके लिए काम करेंगे।अभी हमारा पता है, बी-8, 74 बंगला; उसका नाम हमने रख दिया, मामा का घर।”
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को उम्मीद थी कि उन्हें सीएम न बनाकर पार्टी कोई बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है पर अभी तक ऐसा हुआ नहीं है। शायद इसीलिए मायूसी में उनका दर्द बाहर आ जाता है।