इंदौर : लसूड़िया थाना क्षेत्र में हुए 9 वर्षीय बालिका के अंधे कत्ल का पुलिस ने दो घंटे में ही पर्दाफाश कर दिया। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने प्रेस वार्ता के जरिए ये खुलासा किया। उन्होंने बताया कि बालिका की हत्या उसी के पडौस में रहने वाले नाबालिग बालक ने की थी।कक्षा 6 टी में पढ़नेवाले आरोपी छात्र ने वीडियो गेम में हारने का बदला लेने के लिए घर से कुछ ही दूरी पर ले जाकर बालिका के सिर पर पत्थर दे मारा था। अधिक खून बह जाने से बालिका की मौत हो गई थी। डीआईजी ने ये भी बताया कि आरोपी बालक के पास सफेद चूहा था,बालक के मुताबिक मृत बालिका ने उसे भी मार दिया था। बालिका से वीडियो गेम में हारने से क्रोधित छात्र ने अपने पालतू चूहें के मारे जाने से प्रतिशोध लेने के लिए बालिका को ही मौत के घाट उतार दिया।
आस- पड़ौस में ही था दोनों का घर।
डीआईजी मिश्र ने बताया कि आरोपी बालक और मृत बालिका के घर आस- पड़ौस में ही थे। दोनों के परिवारों में अच्छे संबंध थे। आरोपी बालक और मृत बालिका अक्सर ऑनलाइन वीडियो गेम खेलते थे, जिसमें बालिका ज्यादातर मौकों पर जीत जाती थी। इससे बालक के मन में उसके खिलाफ गुस्से और प्रतिशोध की भावना ने जन्म ले लिया था। इसी प्रतिशोध की ज्वाला के वशीभूत होकर आरोपी बालक ने बालिका की जान ले ली। आरोपी बालक को गिरफ्त में ले लिया गया है।
बच्चों पर नजर रखें अभिभावक।
डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने कहा कि बच्चों के हाथ में अभिभावक मोबाइल तो थमा देते हैं पर वे उसका कैसा इस्तेमाल कर रहे हैं, इसका ध्यान नहीं रखते। वीडियो गेम बच्चों को हिंसक बना रहे हैं। कच्ची उम्र में ही उनमें हिंसा, प्रतिशोध और नफरत की भावनाएं जन्म ले रहीं हैं। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चे दिए गए मोबाइल का किसतरह उपयोग कर रहे हैं, इसका ध्यान रखें। उनके व्यवहार में आ रहे बदलाव पर नजर रखें। जहां तक संभव हो उन्हें वीडियो गेमिंग से दूर रखें।