भारतोय कैलेंडर बनाने के लिए उज्जैन में विशेषज्ञ 22-23 अप्रैल को करेंगे विचार- मंथन

  
Last Updated:  April 21, 2022 " 09:05 pm"

पंचागों की प्रदर्शनी भी लगेगी।

परशुराम महासभा ने किया सरकारी की पहल का स्वागत।

 इंदौर : परशुराम महासभा के प्रदेश प्रभारी पं. संजय मिश्रा ने केन्द्र सरकार द्वारा अंग्रेजी कैलेंडर के बजाय भारतीय कैलेंडर को मान्यता देने की सार्थक पहल का स्वागत किया है। इसके लिए उज्जैन में 22-23 अप्रैल को विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में देशभर के विद्वानों की दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं पंचांगों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
परशुराम महासभा की ओर से कई बार देश में एक समान तिथि, वार-त्योहार तय करने की मांग उठाई गई है। सामान्यतः विभिन्न अंचलों के पंचांगों के कारण हमारे तीज-त्योहार, व्रत आदि की तिथियों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। पं. मिश्रा ने बताया कि अब केन्द्र सरकार ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ के संदर्भ में केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान प्रसार, भारतीय तारा भौतिकी संस्थान, खगोल विज्ञान केन्द्र, विज्ञान भारती, धारा, म.प्र विज्ञान-प्रौद्योगिकी परिषद, विक्रम विश्वविद्यालय व पाणिनी संस्कृत वि.वि. उज्जैन की भागीदारी में 22-23 अप्रैल को उज्जैन में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं पंचागों की प्रदर्शनी का आयोजन रखा है। इसमें विभिन्न विभाग एवं अन्य केन्द्रों से आए विद्वान मिलकर एक भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर की रचना के लिए मंथन करेंगे। इस आयोजन में देशभर के प्रख्यात 300 विद्वान भाग लेंगे।

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